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Fish Farming : यूपी की इन दो बढ़ी नदियों में मछली पालन पट्टा देगी योगी सरकार, घर बैठे कमा सकेंगे लाखों- इस तरह करें आवेदन

Fish Farming जनपद में बहने वाली दो नदियों गंगा और राम गंगा में मत्स्य पालन की दृष्टि से ठेका दिया जाने वाला है। इसके लिए आवेदन आने लगे हैं। अब तक 19 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। जिनमें से नौ समिति बन चुकी हैं। तीन समितियों के खाते भी खुल चुके हैं। अब जिले में मत्स्य पालन के व्यवसाय को काफी फायदा मिलेगा।

By Shivam Pratap Singh Edited By: Mohammed Ammar Updated: Thu, 24 Oct 2024 05:26 PM (IST)
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जिले में 53 किलो मीटर राम गंगा और 71 किलो मीटर गंगा का है रकबा
जासं, बदायूं। जिले के अधिकतर लोग कृषि या कृषि से जुड़े व्यवसाय करते हैं। तराई क्षेत्र होने की वजह से यहां की जमीन भी काफी उपजाऊ मानी जाती है। जिसकी वजह से यहां के क्षेत्र में कृषि का व्यवसाय काफी फायदेमंद साबित होता है। कृषि के साथ-साथ यहां किसान पशुपालन और मछली पालन का भी व्यवसाय करते हैं। बहुत से लोग कृषि के साथ-साथ मछली पालन का काम करते हैं। जिनसे उन्हें आर्थिक रूप से बढ़िया मुनाफा होता है। मछली पालन एक फायदेमंद व्यवसाय है, जो मछली पालक को एक अच्छा मुनाफा देता है।

वर्तमान समय में प्रशासन मछली पालन से जुड़े लोगों को अलग-अलग योजनाओं के माध्यम से सुविधा उपलब्ध करा रहा है। विभिन्न योजनाओं में मछली पलकों को अनुदान भी दिया जाता है। जिससे उन्हें आर्थिक सहायता मिलती है। इस बार प्रशासन की तरफ से मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए अलग तरह की पहल की गई है।

मत्स्य पालन का बढ़ेगा क्षेत्र  

जनपद में बहने वाली दो नदियों गंगा और राम गंगा में मत्स्य पालन की दृष्टि से ठेका दिया जाने वाला है। इसके लिए आवेदन आने लगे हैं। अब तक 19 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। जिनमें से नौ समिति बन चुकी हैं। तीन समितियों के खाते भी खुल चुके हैं। अब जिले में मत्स्य पालन के व्यवसाय को काफी फायदा मिलेगा और इसके साथ ही मत्स्य पालन का क्षेत्र भी बढ़ने वाला है।

अब तक जिले में केवल तालाबों का पट्टा दिया जाता था। दो हैक्टेयर के तालाब का पट्टा समिति काे और इससे कम का एक व्यक्ति के नाम तहसील से पट्टा होता है। जिले में अभी तक एक तालाब शहर, एक बगरैन और एक सिंगथरा में ऐसा स्थित है जो दो हैक्टेयर से अधिक है। इनके पट्टे के लिए समितियां बनी हुई हैं। जिनका हर पांच साल के बाद चुनाव होता है। गंगा के लिए बनाई जा रही समितियों का भी हर पांच साल के बाद चुनाव कराया जाएगा।

एसडीएम होंगे समिति के अध्यक्ष 

यह योजना केवल मछुआ समुदाय के लिए है। जिसके चलते जिले में बहने वाली 53 किलो मीटर राम गंगा और 71 किलो मीटर तक बहने वाली गंगा नदी के ठेके मत्स्य विभाग की ओर से कराए जा रहे हैं। पट्टे के लिए हर पांच किलो मीटर पर एक खंड बनाया जायेगा। प्रत्येक खंड पर एक मत्स्य जीवी सहकारी समिति का गठन कराया जाएगा। समिति का अध्यक्ष क्षेत्र का संबंधित एसडीएम, मत्स्य पालन विभाग का जिला अधिकारी सचिव और बीडीओ, जिला पंचायत, सिंचाई और विभाग से एक एक अधिकारी समिति का सदस्य होगा।

हालांकि यह प्रक्रिया वर्ष 2019 में शुरू की गई थी लेकिन आवेदन न आने की वजह से अधर में लटक गई। इसके तहत अब तक जिले में 43.5 किलो मीटर नदियों के ठेके हो चुके हैं। जिसके चलते सहसवान क्षेत्र में 21 किलो मीटर गंगा नदी का चार लाख 46 हजार और बदायूं क्षेत्र की 22.5 किलो मीटर गंगा नदी का 5.5 लाख का ठेका हो चुका है। जिले तीन समितियां हैं जो पहले की बनीं हुई हैं। जिनका हर पांच साल के बाद चुनाव होता है। इसकी प्रक्रिया के बाद अगले माह से नीलामी की प्रक्रिया को किया जाएगा।

जिले में नदियों का रकबा :

तहसील सहसवान क्षेत्र में गंगा नदी - 21 किलो मीटर

तहसील बदायूं क्षेत्र में गंगा नदी - 22.5 किलो मीटर

तहसील दातागंज क्षेत्र में गंगा नदी - 28 किलो मीटर

तहसील दातागंज क्षेत्र में राम गंगा नदी - 53 किलो मीटर

जिले की गंगा और राम गंगा नदी में मछली पालन के लिए ठेके होना है। जिसके लिए समितियों का गठन किया जा रहा है। कार्य तेजी से चल रहा है। अगले माह नीलामी की प्रक्रिया होना है। अब तक मात्र नौ समितियां बन पाई हैं।

- अमित कुमार शुक्ला

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