गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए भूमि अधिग्रहण कर रही सरकार, अब किसानों ने हाईकोर्ट में कर दी ये मांग
प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना गंगा एक्सप्रेस वे का काम तेजी से चल रहा है। इसी कड़ी में सरकार किसानों की जमीन का अधिग्रहण कर रही है। अब डहरपुर के 40 किसानों ने मुआवजा बढ़ाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट की शरण लेकर पेच फंसा दिया है। किसानों का कहना है जमीन का रेट बढ़ गए हैं लेकिन उन्हें मुआवजा कम दिया जा रहा है।
संवाद सहयोगी, दातागंज (बदायूं)। योगी सरकार की महत्वाकांक्षी गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना का काम तेजी से चल रहा है। डहरपुर के 40 किसानों ने मुआवजा बढ़ाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट की शरण लेकर पेच फंसा दिया है। उनका कहना है कि जमीन के रेट बढ़ गए हैं, लेकिन उन्हें मुआवजा कम दिया जा रहा है।
जिले में गंगा एक्सप्रेस-वे का काम तेजी से चल रहा है। बिसौली से लेकर बिनावर, दातागंज क्षेत्र में काम चल रहा है। दातागंज के निकट डहरपुर ग्रामीणों ने निर्माण की गति को रोक दिया है। मुआवजा को कम बताते हुए किसानों ने मुआवजा नहीं लिया है और हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उनका कहना है कि उनकी खेती का मूल्य अधिक है, जबकि मुआवजा काफी कम मिल रहा है।
दो गांव के किसानों की जमीन की जा रही अधिग्रहण
दातागंज क्षेत्र के लोगों ने विधायक राजीव कुमार सिंह से एक्सप्रेसवे के ऊपर चढ़ने के लिए दातागंज के पास उतार-चढ़ाव कट बनवाने की मांग की थी, क्योंकि उतार-चढ़ाव के लिए सिर्फ एक कट बिनावर पर है। कट को मंजूरी मिल गई। सर्वे हुआ तो ब्रह्मदेव महाराज के देवस्थान के निकट कट बनाने की मंजूरी मिली। यहां पर कट बनाने के लिए डहरपुर, बिहारीपुर दो गांव के किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है।
डहरपुर गांव के 400 किसान, बिहारीपुर गांव के 125 किसानों को जमीन सरकार को देनी थी। दोनों गांव के 100 किसानों ने अपनी जमीन का बैनामा कर दिया है, लेकिन डहरपुर कला गांव के 40 किसान संयुक्त रूप से हाईकोर्ट चले गए हैं।
किसानों को लग रहा है कि उनको उनकी जमीन का उचित मूल नहीं मिल रहा है। वर्ष 2022 में जो सर्किल रेट बढ़े हैं उसमें इस गांव के सर्किल रेट पैसे बढ़ाने चाहिए। उसके बाद ही वे जमीन का बैनामा करेंगे। अपनी मांग को लेकर किसान पहले एसडीएम धर्मेंद्र कुमार सिंह से मिले, उसके बाद डीएम मनोज कुमार सिंह से मिलकर अपने गांव के सर्किल रेट बढ़ाने की बात की।
जिला स्तर पर कोई सुनवाई नहीं हुई तो प्रभात सिंह, मुनेश्वर सिंह, रघुराज सिंह, प्रभाकर सिंह, राम मूर्ति, जय सिंह, लेखराज, अजय कुमार, संतोष, अरविंद गंगा सहाय समेत 40 किसान हाईकोर्ट की शरण में चले गए हैं। इस संबंध में एसडीएम धर्मेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि नियमानुसार जिस जगह पर एक्सप्रेस वे निर्माण कार्य होता है, जितने गांव में से निर्माण कार्य किसानों की जमीन पर होता उस गांव को छोड़कर सर्किल रेट बढ़ाए जाते हैं।
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