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Badaun Lok Sabha Seat: क्या बदायूं लोकसभा सीट पर सपा बदलेगी अपना प्रत्याशी, शिवपाल की सुस्ती से कार्यकर्ता कन्फ्यूज

लोकसभा चुनाव को लेकर उत्तर प्रदेश में सरगर्मियां तेज हो गई है। यूपी की सीटों पर अब राजनीतिक दल अपने प्रत्याशी उतारने लगे हैं। बदायूं लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी ने पहले धर्मेंद्र यादव को टिकट दिया था लेकिन कुछ दिन बाद ही यहां से शिवपाल यादव को सपा ने अपना प्रत्याशी बना दिया है। अब एक बार फिर से धर्मेंद्र यादव की वापसी के कयास लगाए जा रहे हैं।

By Jagran News Edited By: Swati Singh Updated: Wed, 06 Mar 2024 04:52 PM (IST)
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क्या बदायूं लोकसभा सीट पर सपा बदलेगी अपना प्रत्याशी

जागरण संवाददाता, बदायूं। लोकसभा चुनाव में टिकट वितरण में सबसे आगे चल रही समाजवादी पार्टी का टिकट बदलने के बाद चुनावी गतिविधियां थम गई हैं। टिकट में बदलाव हुए पंद्रह दिन गुजर चुके हैं, लेकिन प्रचार अब तक शुरू नहीं हो सका है। कार्यकर्ताओं में असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

कयास यह भी लगाए जाने लगे हैं कि दोबारा टिकट में बदलाव हो सकता है। पार्टी धर्मेंद्र यादव को वापस बुला सकती है। हालांकि पार्टी के जिम्मेदार अभी कुछ कहने की स्थिति में नहीं दिख रहे हैं। लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान जल्द ही किया जा सकता है।

सपा का गढ़ है बदायूं

बदायूं जिले को सपा का गढ़ कहा जाता है। पिछले चुनाव को छोड़ दें तो उसके पहले लगातार छह बार सपा उम्मीदवार निर्वाचित होते रहे हैं। 2019 के चुनाव में भी हार-जीत का अंतर 18 हजार वोट ही रहे। इसके बाद 2023 के विधानसभा चुनाव में सपा में अच्छी वापसी की और जिले की छह में से तीन सीटों पर जीत दर्ज की।

धर्मेंद्र यादव और शिवपाल यादव को लेकर फंसा पेंच

लोकसभा चुनाव को लेकर भी सपा ने सबसे पहले पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव को टिकट देकर मैदान में उतार दिया था, लेकिन पंद्रह दिन पहले अचानक सपा ने इनका टिकट निरस्त कर पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव को चुनाव मैदान में उतार दिया। इसके बाद भाजपा में भी खलबली मच गई।

बीजेपी ने नहीं उतारा बदायूं से प्रत्याशी

भाजपा ने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है, लेकिन बदायूं सीट पर अभी तक किसी का टिकट घोषित नहीं किया गया है। सपा ने चुनाव प्रचार पहले ही शुरू कर दिया था, लेकिन टिकट बदलने के बाद राजनीतिक गलियारे में चुनावी हलचल थम सी गई है।

सपा में बनी असमंजस की स्थिति

टिकट बदलने के बाद यहां न तो शिवपाल सिंह यादव पहुंचे हैं और न ही धर्मेंद्र यादव आए हैं। इससे कार्यकर्ताओं में ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। इसके पीछे की मुख्य वजह पार्टी के ही सलीम इकबाल शेरवानी और आबिद रजा के बगावती तेवर को माना जा रहा है। यह लोग कल से सेकुलर सम्मेलन भी आरंभ कर रहे हैं। सपा कार्यकर्ता पार्टी प्रत्याशी अथवा किसी बड़े नेता के आने का इंतजार कर रहे हैं।

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