सोत नदी पर फिर कब्जा करने लगे माफिया, नहीं हटाया मलबा
सोत नदी को कब्जामुक्त कराने को अभियान चलाया गया था। दो मैरिज हॉल के साथ वहां बने वॉटर पार्क को भी तोड़ा गया। कई जगह माफिया कब्जा करने की नीयत से निर्माण कार्य करा चुके थे। उन पर भी जेसीबी चलवा दी। इससे 20 वर्ष बाद सोत नदी के जीवित होने से उसमें पानी देखने को मिला।
जेएनएन, बदायूं : सोत नदी को कब्जामुक्त कराने को अभियान चलाया गया था। दो मैरिज हॉल के साथ वहां बने वॉटर पार्क को भी तोड़ा गया। कई जगह माफिया कब्जा करने की नीयत से निर्माण कार्य करा चुके थे। उन पर भी जेसीबी चलवा दी। इससे 20 वर्ष बाद सोत नदी के जीवित होने से उसमें पानी देखने को मिला। उस समय चले अभियान में कब्जा करने वाले माफिया ने दो माह की मोहलत मांगी थी। इस पर अफसरों ने उस निर्माण को ऐसे ही छोड़ दिया। लेकिन, उसने अवैध निर्माण नहीं तोड़ा। इस पर अन्य माफिया भी सक्रिय होकर कब्जा करने लगे हैं। इसमें सत्ताधारी नेता का करीबी बाधक बन रहा है।
शहर से सटकर बहने वाली सोत नदी की महंगी जमीन पर लंबे समय से माफिया काबिज होते रहे। किसी ने बिल्डिग बनवा लीं तो कई यहां प्लाटिग कर अवैध निर्माण करा चुके थे। मगर सत्ताधारी नेताओं के संरक्षण से प्रशासन जमीन कब्जा रहे माफिया पर कार्रवाई नहीं कर सका। कुछ समय पहले यहां माफिया पर कार्रवाई की रणनीति बनी। एक के बाद एक कई अवैध निर्माण ध्वस्त कराए। पूर्व विधायक आबिद रजा का भी मैरिज हॉल तोड़ा गया। एक अन्य मैरिज हॉल व गार्डन पर जेसीबी चली। इससे काफी हद तक कब्जे हटे। लेकिन, अब वहां फिर से कब्जे होने लगे हैं। इससे प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं।