Badaun News: सड़क हादसों में हर रोज जाती एक जान, ड्रिंक एंड ड्राइव सबसे बड़ा कारण; इन रूट्स पर अधिक एक्सीडेंट
बदायूं में सड़क हादसों का कहर जारी है। हर रोज एक व्यक्ति की मौत हो रही। आंकड़ों की बात करें तो आठ माह में कुल 336 हादसे हुए जिनमें 252 लाेगों की जान गई और करीब 198 लोग घायल हुए। सबसे ज्यादा हादसे एमएफ हाईवे पर हो रहे हैं। ड्रिंक एंड ड्राइव हादसों का बड़ा कारण है। सरकार ने 24 सितंबर से विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं।
जागरण संवाददाता, बदायूं। जिले में वाहन चालकों की लापरवाही से हर दिन सड़क हादस हो रहे हैं। इन हादसों में औसतन प्रतिदिन एक जान जा रही है। साथ ही एक व्यक्ति हर रोज घायल हो रहा है। जिले के एमएफ हाईवे पर सबसे ज्यादा हादसे होते और लोगों की जान जाती हैं।
बता दें कि जिले में बीते आठ माह में कुल 336 हादसे हुए, जिनमें 252 लाेगों की जान गई और करीब 198 लोग घायल हुए। हादसों की यह वह संख्या है जो जिनमें घायल लोग या तो जिला अस्पताल आए या उनकी मृत्यु हो गई। जबकि हादसा होने के बाद प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती होकर इलाज कराने वालों का डेटा जोड़ा जाय तो स्थिति और भी भयावह हो जाएगी।
जिले के अधिकारी भी इसे लेकर गंभीर है और प्रतिदिन तेज गति से वाहन चलाने वालों के चालान किए जा रहे हैं और जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे। इसके बाद भी हादसे रुकने के नाम नहीं ले रहे हैं। हादसों की यह स्थिति लगभग पूरे प्रदेश में ही है।
यही कारण है कि प्रदेश सरकार इसे लेकर चिंतित है। शासन स्तर से आदेश जारी कर 24 सितंबर से विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। ड्रिंक एंड ड्राइव बड़ा कारण हादसों के पीछे की वजह जानने पर एक अधिकारी ने बताया कि जिले में शराब पीकर वाहन चलाने वालों की संख्या अधिक है। अधिकतर हादसों के पीछे ड्रिंक एंड ड्राइव का मामला निकलता है।
कुल हादसों के सापेक्ष 60 प्रतिशत हादसे रात छह से 11 बजे के बीच होते हैं और इन्हीं हादसे में सबसे ज्यादा लोगों की मृत्यु होती है। इसका बड़ा कारण शराब पीकर वाहन चलाना, गलत दिशा में जाना और तेज गति से वाहन चलाकर ओवरटेक करना होता है। इसके लिए यातायात विभाग की ओर से चालान आदि तो किए जाते हैं, लेकिन फिर भी लोग समझने को तैयार नहीं है।
इन मार्गों पर हो रहे अधिक हादसे
जिले में होने वाले हादसों की बात करें तो सबसे ज्यादा संख्या एमएफ हाईवे पर ही हैं। इस हाईवे पर होने वाले हादसों के प्रमुख स्थान ओरछी, बिसौली, वजीरगंज, वनकोटा, धर्मपुर, शहर का पटेल चौक, सिलहरी, संजरपुर, इस्माइलपुर, सखानू, म्याऊं आदि कस्बे शामिल हैं।
43 ब्लैक स्पाट चिन्हित
मलगांव रेलवे क्रासिंग, घटपुरी, बुटला दौलत, खेड़ा नवादा चौराहा, ओरछी चौराहा, खंदक, एआरटीओ चौराहा, राजकीय मेडिकल कालेज तिराहा, रानेट चौराहा, हतसा, बदायूं-मेरठ हाईवे, उस्मानपुर, मुजरिया चौरहा, उघैनी पुलिया आदि स्थान ब्लैक स्पाट के रूप में चिन्हित हैं।
आंकड़ों पर एक नजर
- जिले में पिछले आठ माह में हुए हादसे - 336
- आठ माह में हादसे में मृत लोगों की संख्या - 252
- आठ माह में हादसों में घायलों की संख्या - 198
- जिले में कुल ब्लैक स्पाट - 42
- शाम 6 बजे से 11 बजे के बीच होते हादसे 60 प्रतिशत
- 24 सितंबर से चलेगा शासन के निर्देश पर अभियान
आठ माह में हुए हादसों पर एक नजर
माह | हादसे | मृतक | घायल |
जनवरी | 38 | 32 | 28 |
फरवरी | 44 | 31 | 27 |
मार्च | 38 | 29 | 23 |
अप्रैल | 42 | 32 | 24 |
मई | 41 | 33 | 25 |
जून | 44 | 31 | 27 |
जुलाई | 43 | 29 | 23 |
अगस्त | 46 | 35 | 21 |
हादसों को रोकने के लिए यातायात विभाग के साथ मिलकर लगातार अभियान चलाया जा रहा है। हादसों को लेकर सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में भी चर्चा होती है। इसके लिए ब्लैक स्पाट आदि को चिन्हित कर वहां पर हादसे रोकने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। कुछ ब्लैक स्पाट को बंद भी कराया गया है। इस संबंध में शासन से भी निर्देश प्राप्त हुए हैं। 24 सितंबर से चेकिंग अभियान की शुरुआत की जाएगी। हादसे रुकें इसके लिए भी प्रयास किए जाएंगे।
अंबरीश कुमार सिंह, एआरटीओ प्रवर्तन