लोकसभा चुनाव से पहले यूपी में समाजवादी पार्टी को एक और तगड़ा झटका, स्वामी प्रसाद मौर्य के बाद अब सलीम शेरवानी ने दिया इस्तीफा
UP Politics राज्यसभा सीट नहीं मिलने से चल रही नाराजगी खुलकर सामने आई। दिल्ली में समर्थकों के साथ विचार-विमर्श करने के बाद लिया निर्णय। पिछली बार लोकसभा का टिकट कटने पर उन्होंने सपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थामा था। पिछले दो चुनावों में कांग्रेस के टिकट पर ही चुनाव लड़ते रहे हैं। पिछले विधानसभा चुनाव के पहले वह सपा में वापस लौटे थे।
जागरण संवाददाता, बदायूं।लोकसभा चुनाव की तैयारी के बीच सपा को एक और बड़ा झटका लगा है। स्वामी प्रसाद मौर्य के बाद अब पूर्व केंद्रीय मंत्री सलीम इकबाल शेरवानी ने भी राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया है। यादव-मुस्लिम गठजोड़ सपा की सबसे बड़ी ताकत रही है। शेरवानी के इस कदम से राजनीतिक गलियारे में हलचल तेज हो गई है कि अब आगे क्या होगा।
अखिलेश यादव को भेजा इस्तीफा
राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को भेजे त्याग पत्र में उन्होंने लिखा है कि हमेशा से यह बताने का प्रयास किया है कि मुसलमान उपेक्षित महसूस कर रहे हैं और पार्टी के प्रति अपना विश्वास लगातार खो रहे हैं। मुसलमानों में यह भावना बढ़ती जा रही है कि धर्मनिपरपेक्ष मोर्चे में कोई भी उनके जायज मुद्दे उठाने के लिए तैयार नहीं है। बार-बार मुस्लिम समाज के लिए एक राज्यसभा सीट के लिए अनुरोध किया था। भले ही मेरे नाम पर विचार नहीं करते, लेकिन पार्टी द्वारा घोषित उम्मीदवारों में एक भी मुसलमान नहीं था। उस पर कोई विचार नहीं किया गया।
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राज्यसभा टिकट पर कहा
राज्यसभा में जिस तरह से टिकट दिया गया है उससे यह प्रदर्शित होता है कि आप खुद ही पीडीए को कोई महत्व नहीं देते हैं। इससे यह प्रश्न उठता है कि आप भाजपा से अलग कैसे हैं? एक मजबूत विपक्षी गठबंधन बनाने का प्रयास बेमानी साबित हो रहा है और कोई भी उसके बारे में गंभीर नहीं दिखता है।
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सलीम ने लिखा है कि ऐसा लगता है कि विपक्ष सत्ता पक्ष की गलत नीतियों से लड़ने की तुलना में एक-दूसरे से लड़ने में अधिक रूचि रखता है। धर्मनिरपेक्षता दिखावटी बन गई है। वर्तमान परिस्थिति में मैं अपने समुदाय की स्थिति में कोई बदलाव नहीं जा सकता, इसलिए राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा देकर अगले कुछ हफ्तों के भीतर अपने राजनीतिक भविष्य के बारे में निर्णय लेने की बात कही है।
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