Move to Jagran APP

सपा में चल रही अंतर्कलह? बदायूं के चुनावी मैदान में अब तक नहीं उतरे शिवपाल, BJP में संघमित्रा के टिकट पर भी संशय

Badaun Lok Sabha Seat राजनीतिक गलियारे में चुनावी गतिविधियां बढ़ती जा रही थीं लेकिन इस समय भाजपा और सपा दोनों दलों की चुनावी हलचल ठहर सी गई है। बदायूं सीट पर काबिज भाजपा टिकट में उलझ गई है। मौजूदा सांसद डा.संघमित्रा मौर्य टिकट को लेकर आश्वस्त दिख रही थीं लेकिन पहली सूची में जिले का नाम न होने से उन्होंने दिल्ली में डेरा डाल दिया है।

By Kamlesh Kumar Sharma Edited By: Abhishek Pandey Updated: Sun, 10 Mar 2024 10:46 AM (IST)
Hero Image
भाजपा और सपा दोनों दलों में ठहरी चुनावी हलचल
जागरण संवाददाता, बदायूं। राजनीतिक गलियारे में चुनावी गतिविधियां बढ़ती जा रही थीं, लेकिन इस समय भाजपा और सपा दोनों दलों की चुनावी हलचल ठहर सी गई है। बदायूं सीट पर काबिज भाजपा टिकट में उलझ गई है। मौजूदा सांसद डा.संघमित्रा मौर्य टिकट को लेकर आश्वस्त दिख रही थीं, लेकिन पहली सूची में जिले का नाम न होने से उन्होंने दिल्ली में डेरा डाल दिया है। टिकट के दूसरे दावेदार भी जिले में नहीं दिख रहे हैं।

दूसरी ओर सपा ने महीने भर पहले टिकट घोषित कर दिया था। चुनावी गतिविधियां बढ़ने लगी थीं, लेकिन अचानक टिकट बदल दिया जिससे चुनाव प्रचार की रफ्तार थम गई। 17 दिन गुजर चुके, लेकिन न तो सपा के उम्मीदवार शिवपाल सिंह यादव अभी तक पहुंचे हैं और न ही पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव ही लौटकर आए हैं।

अब लग रहा है कि आचार संहिता लागू होने के बाद ही चुनावी गरमाहट शुरू होगी।  संसदीय सीट बदायूं पर वर्तमान में भाजपा काबिज है। हालांकि लंबे समय तक इस सीट पर सपा का कब्जा रहा है।

पिछले महीने चुनावी गहमा-गहमी बढ़ने लगी थी। सपा ने यहां से दो बार सांसद रह चुके धर्मेंद्र यादव को टिकट देकर मैदान में उतार दिया था। उन्होंने जनसंपर्क अभियान भी शुरू कर दिया था। पिछले चुनाव की कमियों को दूर करने की कोशिश कर रहे थे।

सपा ने अचानक बदला टिकट

अचानक पार्टी ने इनका टिकट निरस्त कर पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव को उम्मीदवार घोषित कर दिया। इसके पीछे पार्टी में चल रही अंतर्कलह को वजह मानी जा रही है, लेकिन जिम्मेदारों की ओर से अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है। टिकट बदलने के बाद सपा में सन्नाटा पसरा हुआ है।

सत्ताधारी पार्टी भाजपा की बात करें तो पहली सूची जारी होने के पहले सांसद डा.संघमित्रा मौर्य अपना टिकट पक्का मानकर चुनाव अभियान में जुटी थीं, लेकिन टिकट होल्ड कर दिए जाने से असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई है। हर किसी की निगाह दिल्ली में होने वाली केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक पर टिकी हुई है।

सांसद के अलावा टिकट के दूसरे दावेदारों ने भी अपना दावा मजबूत दिखाने की कोशिश में जुट गए हैं। राजनीतिक गलियारे में अपने-अपने हिसाब से कयास लगाए जा रहे हैं। पिछड़ा वर्ग से ही किसी को टिकट मिल सकता है इसकी संभावना ज्यादा दिख रही है। पार्टी के जिम्मेदार कुछ बताने की स्थिति में नहीं हैं। उनका एक ही जवाब मिल रहा है कि जिसे भी टिकट मिलेगा उसे जिताकर भेजेंगे।

इसे भी पढ़ें: दूल्हे की कटी उंगलियां देख दुल्हन ने शादी से किया इनकार, मामला बिगड़ने पर बुलानी पड़ी पुलिस

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।