जब तक इसकी मां जमानत से नहीं आ जाती…; ममता के जेल जाने पर थानेदार ने उठाया बच्चों का जिम्मा, यह है मामला
ममता के जेल जाने के बाद थाना प्रभारी इंस्पेक्टर हरेंद्र सिंह ने कस्बे की मोहल्ला टंकी स्थित संत श्री हरिदास बाबा शिशु मंदिर स्कूल में रिचा का नर्सरी कक्षा में दाखिला कराने के साथ पूरे साल की फीस भी जमा भी कर दी। स्कूल में अभिभावक बन कर अपना नाम मोबाइल नंबर लिखवाया। थाने में पूछताछ के दौरान मासूम बच्चे मिलने आए थे।
जागरण संवाददाता, बदायूं। इस्लामनगर थाना क्षेत्र के अल्लैहपुर मड़इया गांव के महेश की उनकी पत्नी ममता ने ही हत्या कर दी और जेल चली गई। बच्चों की जिम्मेदारी तो उनके ताऊ ने लिया है, लेकिन बेटी रिचा की पढ़ाई का जिम्मा थानेदार हरनेंद्र सिंह ने लिया है। उन्होंने बिटिया की दो साल की फीस भी जमा करा दी है।
यह है मामला
बीते 23 मई की रात महेश की सोते समय उनकी पत्नी ममता ने ही सिर कुचलकर हत्या कर दी थी। ड्रामा लूट के बाद हत्या का रचा था, लेकिन पुलिस की जांच में शक के आधार पर पूछताछ की तो सच्चाई सामने आ गई।
ममता के जेल जाने के बाद थाना प्रभारी इंस्पेक्टर हरेंद्र सिंह ने कस्बे की मोहल्ला टंकी स्थित संत श्री हरिदास बाबा शिशु मंदिर स्कूल में रिचा का नर्सरी कक्षा में दाखिला कराने के साथ पूरे साल की फीस भी जमा भी कर दी।
स्कूल में अभिभावक बन कर अपना नाम मोबाइल नंबर लिखवाया। पति के कत्ल में ममता से थाने में पूछताछ के दौरान सुबह शाम दोनों मासूम बच्चे बेटा आठ वर्षीय साजन और चार वर्षीय बेटी रिचा मिलने आए थे।
प्रभारी इंस्पेक्टर ने दिलाया था भरोसा
बच्चों को देखकर ममता रोने लगी थी और कहती रही कि अब मेरे जेल जाने के बाद बच्चों की पढ़ाई कैसे होगी। परवरिश कौन करेगा। 27 मई को ममता जब थाने से जेल जा रही थी तभी मिलने आए दोनों बच्चे बिलखते हुए फफक कर रोने लगे।बच्चों की मासूमियत देखते हुए थाना प्रभारी इंस्पेक्टर ने भी भरोसा दिलाया था कि चिंता मत करो दोनों बच्चों की मदद करके ध्यान रखा जाएगा। बच्चों को बाल श्रम भी नहीं होने देंगे।
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