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UP News: महिला अस्पताल में डॉक्टर नदारद… वेटिंग रूम में हुआ गर्भवती का प्रसव, नवजात की मौत के बाद हंगामा

जिला महिला अस्पताल के डॉक्टरों और स्टाफ का एक और कारनामा सामने आया। शुक्रवार रात डॉक्टर ड्यूटी से गायब थीं और स्टाफ ने कुछ रुपये के न मिलने के चलते एक प्रसूता और उसके नवजात बच्चे की जान खतरे में डाल दी। प्रसूता ने महिला अस्पताल के वेटिंग रूम में ही बच्चे को जन्म दे दिया। उचित देखभाल न मिलने से बच्चे ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।

By Ankit Gupta Edited By: Shivam Yadav Updated: Sun, 31 Dec 2023 07:20 PM (IST)
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महिला अस्पताल के प्रतीक्षालय में प्रसव, नवजात की मृत्यु
जागरण संवाददाता, बदायूं। बदनामी, भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी जैसे आरोपों से घिरे जिला महिला अस्पताल के डॉक्टरों और स्टाफ का एक और कारनामा सामने आया। शुक्रवार रात डॉक्टर ड्यूटी से गायब थीं और स्टाफ ने कुछ रुपये के न मिलने के चलते एक प्रसूता और उसके नवजात बच्चे की जान खतरे में डाल दी। 

प्रसूता ने महिला अस्पताल के वेटिंग रूम में ही बच्चे को जन्म दे दिया। उचित देखभाल न मिलने से बच्चे ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। परिवार के हंगामे के बाद स्टाफ आया। रात करीब 11 बजे डॉक्टर पहुंची। महिला को अधिक रक्तस्राव होने के चलते हालत बिगड़ रही थी। रक्तस्राव रुकने पर परिजन उसे मेडिकल कॉलेज ले गए।

यह है पूरा मामला

दरअसल, शहर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला कुबुलपुरा निवासी रवि की पत्नी नीलम गर्भवती थीं। शुक्रवार रात प्रसव पीढ़ा होने पर रवि उसे जिला महिला अस्पताल ले गए। उनके साथ कोई महिला न होने के चलते स्टाफ न उसे भर्ती करने से इनकार कर दिया। 

इसके बाद रवि ने अपने परिवार की महिलाओं को बुलाया। जब परिजन पहुंचे तो स्टाफ ने पूछा जांच रिपोर्ट लाएं हैं। परिजनों के इनकार करने पर उन्होंने फिर भर्ती करने से मना कर दिया। 

इस दौरान रवि ने चिकित्सक के बारे में पूछा और उन्हें ढूंढने गया, लेकिन वहां कोई चिकित्सक नहीं थीं। इस पर वह भड़क गया। उसने हंगामा शुरू कर दिया।, लेकिन स्टाफ पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। इसी दौरान अस्पताल के प्रतीक्षालय में नीलम ने एक बच्चे को जन्म दिया।

हंगामे के बावजूद नहीं आया स्टाफ

बच्चा पैदा होने के नीलम बेहोश हो गई। हंगामा चलता रहा, लेकिन वहां कोई चिकित्सक नहीं पहुंचा। इसी दौरान नवजात बच्चे ने दम तोड़ दिया। काफी हंगामे और चीख पुकार के बाद स्टाफ आया और उसने बच्चे को मृत बताया। 

वहीं, रक्तस्राव होने के चलते नीलम की हालत बिगड़ने लगी थी। इसके बाद स्टाफ ने सूचना देकर चिकित्सक को बुलाया। रात करीब 11 बजे डाॅ. रुचि वहां पहुंची। उन्होंने महिला को देखा। 

रक्तस्राव रुकने के बाद परिजन उसे मेडिकल कालेज ले गए। महिला अस्पताल की डॉक्टरों और स्टाफ की इस करतूत का किसी ने वीडियो बनाकर इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित कर दिया। परिजनों ने चिकित्सकों के ड्यूटी पर न होने और स्टाफ पर सही व्यवहार न करने, रुपये मांगने के आरोप लगाए हैं।

तीमारदार गर्भवती महिला को लेकर अस्पताल आए थे। उन्होंने डॉक्टर को दिखाया ने भर्ती करने को कहा लेकिन उसके परिजनों ने भर्ती नहीं कराया। प्रतीक्षालय में काफी देर बैठे रहे। बच्चा मृत पैदा हुआ और महिला के रक्तस्राव होने लगा महिला की हालत बिगड़ने लगी तो गार्ड ने उसे भर्ती कराया। डा. रुचि ने महिला की हालत देखी और पीपीएस करके रक्तस्राव को रोका। 

-डाॅ. इंदुकांत वर्मा, सीएमएस, महिला अस्पताल।

कमिश्नर के आदेश पर चल रही जांच

युवा मंच संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ध्रुव देव गुप्ता की ओर से महिला अस्पताल की महिला चिकित्सकों और एक अन्य चिकित्सक समेत यहां के स्टाफ पर गंभीर आरोप लगाए गए थे। 

कमिश्नर के आदेश पर डीएम ने मामले की जांच डीआरओ को सौंपी थी। वह जांच कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने चिकित्सकों के बयान दर्ज किए हैं। चिकित्सकों के बयान के बाद अब वह अपनी जांच रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। वह सोमवार तक अपनी रिपोर्ट डीएम को सौंप सकते हैं।

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