UP News: यूपी पुलिस कुछ भी कर सकती है! बदायूं में 200 के नोटों ने खोली पोल, इंस्पेक्टर व हेड मुहर्रिर पर केस
साधना हत्याकांड में आरोपित से बरामद 4600 रुपये कोर्ट में पेश किए गए जिसमें 200 रुपये के नोट भी शामिल थे। जबकि मई 2017 में जब आरोपित को गिरफ्तार किया गया था उस समय 200 रुपये के नोट चलन में ही नहीं थे। इस गंभीर लापरवाही के चलते एडीजी ने उझानी इंस्पेक्टर मनोज कुमार और हेड मुहर्रिर अनुज पर प्राथमिकी दर्ज कराई है।
जागरण संवाददाता, बदायूं। 200 रुपये के नोटों ने पुलिस की पोल खोल दी कि किस तरह साक्ष्यों से छेड़छाड़ की जा रही। साधना हत्याकांड में आरोपित से बरामद 4600 रुपये पुलिस कोर्ट में पेश करने पहुंची तो पीड़ित पक्ष का माथा ठनका। उनकी शिकायत पर जांच हुई तो पता चला कि पुलिस की ओर पेश किए नोटों में 200 के भी थे, जोकि बरामदगी के समय चलन में ही नहीं आए थे। एडीजी ने इसे साक्ष्यों से छेड़छाड़ मानते हुए इंस्पेक्टर मनोज कुमार व हेड मुहर्रिर अनुज पर शुक्रवार को प्राथमिकी पंजीकृत करा दी।
कार से कुचलकर हत्या का था मामला
23 मई 2016 को न्यायालय से उझानी लौटते समय अधिवक्ता साधना शर्मा की कार से कुचलकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में मुख्य आरोपित पीसी शर्मा, उसकी पत्नी कमलेश शर्मा, गिरीश मिश्रा, श्रद्धा गुप्ता, मस्ताना, नरेंद्र उर्फ पिंटू, राजू उर्फ रियाज, यासीन बाबा, इशरत और मोहब्बत पर प्राथमिकी हुई। क्राइम ब्रांच के इंस्पेकटर सिकंदर खां ने मई 2017 में आरोपित नरेंद्र उर्फ पिंटू को गिरफ्तार कर 4600 रुपये बरामद किए थे।
पुलिस रिकॉर्ड में थे ये नोट, कोर्ट में बदल दिए
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, इसमें दो हजार का एक, पांच-पांच सौ के तीन और सौ-सौ के 11 नोट शामिल थे। कोर्ट में सुनवाई के दौरान विवेचक ने बरामद नोट पेश किए। उस समय धनराशि तो 4600 ही थी, लेकिन नोट बदले गए थे। उसमें पांच-पांच सौ के पांच, दो-दो सौ के पांच और सौ-सौ के 11 नोट पाए गए। इस पर कोर्ट ने उझानी थाना पुलिस से रिपोर्ट तलब कर ली कि नोट कैसे बदल गए। इस पर 17 नवंबर 2023 को कोर्ट पहुंचे इंस्पेक्टर उझानी इंस्पेक्टर मनोज कुमार ने कहा कि विवेचक ने जो नोट बरामद किए थे, वही पेश किए गए हैं। यदि नोट बदले गए तो विवेचक ही उत्तरदायी हैं।200 के नोट की रिपोर्ट मांगने पर फंस गए पुलिसवाले
इस बीच रिवर्ज बैंक आफ इंडिया से रिपोर्ट मांगी कि 200 के नोट कब चलन में आए, जिसके बाद थाना पुलिस घिर गई। गिरफ्तारी व बरामदगी के समय यानी मई 2017 में 200 के नोट चलन में ही नहीं आए थे। इस प्रकरण की शिकायत साधना की बहन विपर्णा ने एडीजी से की। जिसके बाद उझानी इंस्पेक्टर मनोज कुमार और हेड मोहर्रिर अनुज कुमार पर फर्जी दस्तावेज गढ़कर गलत रिपोर्ट न्यायालय, साक्ष्यों से छेड़छाड़ की धारा में प्राथमिकी लिखी गई।ये भी पढ़ेंः Firozabad News: हादसों से भरा रहा शुक्रवार, फिरोजाबाद में तीन सड़क दुर्घटनाओं में 10 की मौत
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