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पत‍ि को छोड़ मह‍िला ने लड़की से रचा ली शादी, कपड़े की दुकान से शुरू हुई थी ये अनोखी Love Story

लड़की और महिला दातागंज कोतवाली क्षेत्र के दो अलग-अलग गांव की रहने वाली हैं। वह दोनों दातागंज की एक कपड़े की दुकान में काम करती थीं जहां दोनों के बीच दोस्ती हो गई। इसके बाद दोनों आपस में प्रेम करने लगीं। बताते हैं कि महिला का पति उसे आए दिन पीटता था। कुछ दिन पहले पति ने गर्भवती होने के बाद भी पीटा और घर से निकाल दिया।

By Jagran NewsEdited By: Vinay SaxenaUpdated: Tue, 26 Sep 2023 09:49 PM (IST)
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युवती ने महिला के मांग में सिंदूर भरते हुए तस्वीर फेसबुक पर साझा कर शादी की जानकारी दी।
दातागंज (बदायूं), संवाद सूत्र। जिले के दातागंज कोतवाली क्षेत्र में समलैंगिक विवाह का मामला सामने आने के बाद तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई। एक युवती ने एक महिला के मांग में सिंदूर भरते हुए तस्वीर फेसबुक पर साझा कर शादी की जानकारी दी। दोनों ने बरेली के किसी मंदिर में शादी की है।

दरअसल, लड़की और महिला दातागंज कोतवाली क्षेत्र के दो अलग-अलग गांव की रहने वाली हैं। वह दोनों दातागंज की एक कपड़े की दुकान में काम करती थीं, जहां दोनों के बीच दोस्ती हो गई। इसके बाद दोनों आपस में प्रेम करने लगीं। बताते हैं कि महिला का पति उसे आए दिन पीटता था। कुछ दिन पहले पति ने गर्भवती होने के बाद भी पीटा और घर से निकाल दिया। इसके बाद से महिला उस युवती के साथ उसके घर में रहने लगी थी।

मंगलवार को युवती ने अपनी फेसबुक पर एक तस्वीर साझा की, जिसमें वह उस महिला की मांग में सिंदूर भर रही है। उसने लिखा की बरेली के एक मंदिर में उन दोनों ने शादी कर ली है। यह तस्वीर सामने आने के बाद दातागंज में समलैंगिक विवाह को लेकर चर्चा शुरू हो गई। लोगों के अनुसार, महिला पहले से शादीशुदा है। इसके साथ ही यह भी कहा गया कि समलैंगिकता भले ही अपराध नहीं है, लेकिन समलैंगिक विवाह को लेकर अब तक कोई कानून नहीं बना है।

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इस संबंध में कोतवाली प्रभारी निरीक्षक सौरभ सिंह ने बताया कि उन्हें ऐसे किसी प्रकरण की जानकारी नहीं है। इस मामले की कोई शिकायत भी नहीं आई है, जिस पर वह जांच करें। अगर कोई शिकायत आती है तो जांच कराई जाएगी।

समलैंगिक संबंधों को मान्यता, विवाह को नहीं

वर्ष 2018 में समलैंगिक संबंधों को मान्यता दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट में वर्ष 2018 में समलैंगिक संबंधों पर लगने वाली आईपीसी की धारा 377 को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया था। लेकिन, समलैंगिक विवाह को लेकर अब तक बहस चल रही है। इसे लेकर कोई कानून या आदेश जारी नहीं किया गया है।

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