UP News: मुशर्रफ के घरवालों की जमीन के बाद अब बागपत में 66 बीघा जमीन और घोषित हुई शत्रु संपत्ति
Baghpat News कोटाना गांव में लगभग 66 बीघा कृषि भूमि को शत्रु संपत्ति घोषित किया गया है। 1970 में पाकिस्तान चले गए अब्दुल रहमान के नाम यह जमीन थी। अधिकांश जमीन फर्जीवाड़ा कर बेच दी गई। तहसील प्रशासन जल्द ही कब्जा हटाएगा। इस मामले में जांच भी होगी। कोताना में 66 बीघा इस जमीन को शासन ने शत्रु संपत्ति घाेषित किया था।
जागरण संवाददाता, बड़ौत/बागपत। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के स्वजन की शत्रु संपत्ति नीलाम होने के बाद अब कोताना गांव में लगभग 66 बीघा कृषि भूमि को भी शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया गया है।
वर्ष 1970 में गांव के ही रहने वाले अब्दुल रहमान पाकिस्तान चले गए थे, उनके नाम गांव में लगभग 66 बीघा भूमि थी। इस भूमि में से अधिकांश भूमि को फर्जीवाड़ा करने के बाद बेच दी गई थी। तहसील प्रशासन का कहना है कि जल्द ही भूमि से कब्जा हटवाया जाएगा।
60 बीघा जमीन छोड़ गए थे
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के स्वजन के बाद कोताना गांव के ही रहने वाले अब्दुल रहमान पुत्र मजीद भी स्वजन के साथ 30 मार्च 1947 में बंटवारे के दौरान पाकिस्तान चले गए थे। उनके नाम गांव में लगभग 66 बीघा कृषि भूमि रह गई थी। इस भूमि पर मकसूद खान निवासी कोताना का नाम अंकित हो गया था।लोग बताते हैं कि उसके बाद फर्जीवाड़ा करते हुए इसमें से अधिकांश भूमि को कुछ लोगों ने बेच दिया और विक्रेताओं के नाम खतौनी में दर्ज भी करवा लिए गए। इस फर्जीवाड़े में एक जनप्रतिनिधि भी शामिल बताया जाता है।
प्रदेश सरकार ने 66 बीघा को किया शत्रु संपत्ति घाेषित
एसडीएम अमर चंद वर्मा ने बताया कि प्रदेश सरकार ने अब्दुल रहमान की लगभग 66 बीघा भूमि को शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया गया है। जानकारी मिल रही है कि इस भूमि पर कुछ लोगों ने अवैध कब्जा कर रखा है जिसे जल्द ही हटवाया जाएगा। यह भी पता चला है कि कई लोगों ने इसमें से कुछ भूमि का फर्जी बैनामा करा रखा है। इस पूरे मामले की जांच कराई जा रही है। बहराल सबसे पहले इस भूमि को कब्जामुक्त कराया जाएगा और जिन्होंने फर्जीवाड़ा किया है उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।परवेज मुशर्रफ के स्वजन की भूमि हुई थी नीलाम
इसी महीने छह सितंबर को पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के स्वजन नुरू की 13 बीघा भूमि यानी शत्रु संपत्ति को नीलाम कर दिया गया था। तीन लोगों ने इस संपत्ति को कीमत 1.38 करोड़ रुपये में खरीदा था। शत्रु संपत्ति बिकने के साथ ही परवेज मुशर्रफ और उसके स्वजन नुरू का नाम बागपत में हमेशा के लिए खत्म हो गया है। कोताना गांव के रहने वाले नुरू वर्ष 1965 में पाकिस्तान चले गए थे। नुरू के नाम से गांव में लगभग 13 बीघा भूमि थी, जिसे सरकार ने वर्ष 2010 में शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया था।
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