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UP News: एक साल में टूट गई 88 लाख में बनी सड़क...'भ्रष्टाचार की इंजीनियरिंग' देखकर DM रह गए हैरान

Baghpat News गांव वाले सड़क टूटने की शिकायत पिछले काफी दिनों से कर रहे थे। लेकिन संबंधित विभाग इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा था। जब आईजीआरएस पोर्टल पर इसकी शिकायत हुई तो खुद डीएम सड़क का निरीक्षण करने पहुंच गए और देखकर चौंक गए कि सड़क क्षतिग्रस्त थी। कार्यदायी संस्था ग्रामीण अभियंत्रण सेवा विभाग के इंजीनियरों से डीएम ने जवाब मांगा।

By Jagran News Edited By: Abhishek Saxena Updated: Sun, 22 Sep 2024 02:45 PM (IST)
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फैजपुर निनाना रोड का निरीक्षण करते डीएम जेपी सिंह। जागरण

जागरण संवाददाता, बागपत। डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने फैजपुर निनाना से बिहारीपुर को जाने वाली 1700 मीटर सड़क का निरीक्षण किया। टूटी सड़क देख डीएम हैरान रह गए और जांच के आदेश दिए। इस सड़क निर्माण गत साल 88 लाख रुपये में अक्टूबर-नवंबर में पूरा हुआ था।

बिहारीपुर के ओंकार सिंह ने आईजीआरएस पोर्टल सड़क टूटने की शिकायत की थी। सड़क देखने के लिए डीएम खुद ही वहां पहुंच गए। टूटी सड़क देख डीएम ने कार्यदायी संस्था ग्रामीण अभियंत्रण सेवा विभाग के इंजीनियरों की खिंचाई कर जवाब तलब किया। इस पर उन्होंने सफाई दी कि पाइप लाइन से सड़क क्षतिग्रस्त हुई है। जबकि शिकायत 23 जनवरी 2024 की है, जबकि पाइप लाइन डाली गई जुलाई में।

ग्रामीणों ने की थी पहले भी शिकायत

डीएम ने टेक्निकल जांच अधिशासी अभियंता पीडब्ल्यूडी को कराने के निर्देश दिए। बता दें कि पहले भी ग्रामीण अभियंत्रण सेवा विभाग के इंजीनियरों ने बिना बनाए ही इस सड़क बनाने का बोर्ड लगा दिया था। तब यह मामला खूब सुर्खियों में रहा था।

नियुक्तियों की सूचना न देने पर 71 एडेड विद्यालयों को नोटिस जारी

माध्यमिक शिक्षा विभाग में 40,000 शिक्षक और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की नियुक्तियों में अनियमितता मिलने के बाद जिले में भी खलबली मची है। आदेश के बावजूद जिले के किसी भी अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालय के प्रधानाचार्य ने शिक्षक और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की सूचना कार्यालय में नहीं भेजी है। डीआईओएस ने सभी को नोटिस जारी किया है।

71 अशासकीय सहायता प्राप्त स्कूल हैं संचालित

शासन स्तर से नियुक्तियों की जांच की जा रही है। जिला स्तर पर भी नियुक्ति के अभिलेख मांगे गए हैं। जिले में 71 अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालय संचालित हैं। यहां पर वर्ष 1981 से लेकर वर्ष 2020 तक नियुक्त शिक्षक, लिपिक और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्ति की जांच होगी। इनके दस्तावेजों की जांच होगी। शासन के आदेश पर विद्यालयों के प्रबंधक, प्रबंध संचालक और प्रधानाचार्यों को डीआइओएस की ओर से आदेश से अवगत करा दिया गया था। निर्देशित किया कि 15 सितंबर तक सूची के अनुसार सभी अभिलेख कार्यालय में जमा करेंगे। अभिलेख नहीं दिए गए तो सितंबर माह का वेतन रोक दिया जाएगा।

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आदेश के बाद किसी भी विद्यालय के प्रधानाचार्य ने सूचना कार्यालय में नहीं दी है। शासन स्तर से नाराजगी व्यक्ति की। अब सूचना देने का समय 30 सितंबर कर दिया गया है। निर्धारित तिथि तक सूचना नहीं दी गई तो सितंबर माह का वेतन आहरित नहीं किया जाएगा।