I.N.D.I गठबंधन को लग सकता है एक और झटका, RLD और BJP में बात तय! जयंत को मिल सकती हैं इतनी सीटें
सूत्रों के अनुसार सपा ने कैराना बिजनौर और मुजफ्फरनगर में प्रत्याशी अपना और निशान रालोद का रहने की शर्त रख दी। रालोद कैराना और बिजनौर पर तो राजी है लेकिन मुजफ्फरनगर पर पेच फंस गया है। रालोद ने ऐसी स्थिति में अपनी सीटें बढ़ाने की बात रखी। वहीं अब भाजपा ने रालोद को पांच सीटें बिना शर्त देने की पेशकश की है।
आशु सिंह, बागपत। एनडीए के बढ़ते कुनबे के बीच शेष क्षेत्रीय दलों की महत्वाकांक्षाएं भी हिलोरे ले रही हैं। केंद्र में अपना खोया वजूद पाने का प्रयास कर रहा राष्ट्रीय लोकदल भी हर हलचल पर नजर रखे हुए है। रालोद अध्यक्ष जयन्त चौधरी पूरे परिदृश्य को सधे अंदाज में देख रहे हैं।
राजनीतिक गलियारों में रोज नई सूचनाएं गूंज रही हैं। इसी बीच खबर है कि भाजपा के एक धड़े ने रालोद से नजदीकी बढ़ा दी है। रालोद को UP में पांच सीटों की पेशकश की गई है।
रालोद के एनडीए के साथ जाने की नई चर्चा उस समय तेज हुई जब 12 फरवरी को चौ. अजित सिंह की जन्मतिथि पर छपरौली में उनकी प्रतिमा के अनावरण का होने वाला कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया।
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इस कार्यक्रम में जयन्त चौधरी को आना था। हर जिले से कार्यकर्ता बुलाए गए थे। इस कार्यक्रम का प्रचार-प्रसार जोरशोर से कार्यकर्ता कर रहे थे। हालांकि पार्टी की ओर से खराब मौसम को कारण बताया गया था।
बता दें कि रालोद का सपा से गठबंधन हो चुका है। लेकिन सपा की कुछ शर्तों के कारण गठबंधन में दरार नजर आने लगी है। सपा ने रालोद को सात सीटें देने का भरोसा दिया है। इनमें बागपत, कैराना, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, मेरठ या अमरोहा, हाथरस और मथुरा हैं।
सूत्रों के अनुसार सपा ने कैराना, बिजनौर और मुजफ्फरनगर में प्रत्याशी अपना और निशान रालोद का रहने की शर्त रख दी। रालोद कैराना और बिजनौर पर तो राजी है, लेकिन मुजफ्फरनगर पर पेच फंस गया है। रालोद ने ऐसी स्थिति में अपनी सीटें बढ़ाने की बात रखी।यह भी पढ़ें: सपा-रालोद गठबंधन; RLD के खाते में UP की ये महत्वपूर्ण सीट, पश्चिम यूपी में भाजपा की चुनौती बढ़ा सकता है गठजोड़
वहीं, अब भाजपा ने रालोद को पांच सीटें बिना शर्त देने की पेशकश की है। ये सीटें कैराना, बागपत, अमरोहा, मथुरा और मुजफ्फरनगर हैं। सूत्रों के अनुसार भाजपा का एक धड़ा रालोद को अपने खेमे में लाना चाहता है। इससे प्रधानमंत्री मोदी के अबकी बार 400 पार का लक्ष्य भेदने में आसानी होगी।
बता दें कि पश्चिमी उप्र की 12 सीटों पर रालोद का खासा प्रभाव है। इसी कारण आइएनडीआइए और एनडीए दोनों को रालोद का साथ चाहिए। जिस गठबंधन में रालोद रहेगा उसका पलड़ा यहां भारी हो जाएगा।सपा परिवार की फीरोजाबाद और बदायूं जैसी सीटों पर रालोद का अच्छा खासा वोट बैंक है। इन सीटों पर भाजपा की नजर है। वहीं, मुरादाबाद मंडल की हारी हुई सीटों पर भी रालोद की अच्छी पैठ है। इस मंडल की हार भाजपा को सालती है।
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