टीबी के बैक्टीरिया से डिप्टी CMO को परिवार सहित मारने की साजिश, सफाईकर्मी ने खोल दी कर्मचारियों की पोल
टीबी विभाग के दो संविदा कर्मचारियों ने डिप्टी सीएमओ और उनके परिवार को मारने की साजिश रची। आरोप है कि उन्होंने टीबी मरीज के सैंपल और रासायनिक पदार्थ उनके भोजन में मिलाने का दबाव बनाया। सफाईकर्मी ने इसकी जानकारी डिप्टी सीएमओ को दी। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने पुलिस से कार्रवाई की मांग की है। डॉक्टर का कहना है कि पिछले आठ-दस दिन में उनका पांच किग्रा. वजन घट गया।
जागरण संवाददाता, बागपत। टीबी विभाग कार्यालय के दो संविदा कर्मचारियों ने डिप्टी सीएमओ एवं जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. यशवीर सिंह की परिवार सहित हत्या की साजिश रच डाली। आरोपितों ने टीबी से ग्रस्त मरीज का सैंपल (बलगम) और घातक रासायनिक पदार्थ उनके भोजन में मिलाने का सफाईकर्मी पर दबाव बनाया।
सफाईकर्मी ने डिप्टी सीएमओ को इस साजिश की जानकारी देते हुए मोबाइल की ऑडियो सौंप दी। घटना से आक्रोशित स्वास्थ्य विभाग के स्टाफ ने कोतवाली पहुंचकर पुलिस से कार्रवाई की मांग की।
डॉ. यशवीर सिंह ने बताया वे अपनी पत्नी डॉ. करुणा चौधरी, दो बेटों 10 वर्षीय रुद्राक्ष व सात वर्षीय कर्णवीर के साथ सरकारी आवास में रहते हैं।
पूरे परिवार को खत्म करने के लिए सफाई कर्मी पर दबाव
आरोप है कि उनके कार्यालय के सफाई कर्मचारी टिंकू ने जानकारी दी कि कार्यालय में तैनात दो संविदा कर्मचारी दबाव बना रहे हैं कि वह उनके भोजन या अन्य पेय पदार्थ में एमडीआर (मल्टी ड्रग रेसिस्टेंट), टीबी के मरीज का बलगम व अन्य खतरनाक रसायन धोखे से मिलाकर दे दे। इससे उनका पूरा परिवार खत्म हो जाएगा।
सफाईकर्मी ने इस बातचीत की ऑडियो रिकार्डिंग भी डॉ. यशवीर को सौंपी। उन्होंने तहरीर देकर आरोपित कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है। कोतवाली प्रभारी दीक्षित कुमार त्यागी का कहना है कि इस मामले में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
घट गया वजन, सता रही चिंता
डॉ. यशवीर सिंह का कहना है कि पिछले आठ-दस दिन में उनका करीब पांच किग्रा. वजन घट गया है। वे अपना स्वास्थ्य परीक्षण कराएंगे। उन्हें डर है कि आरोपितों ने कहीं घातक रसायन न खिला दिए हों। आरोपितों से उनका कभी कोई वाद-विवाद नहीं हुआ।
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