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UP News: जब बागपत DM टेबल पर आई पानी की बोतल का नाम देखकर चाैंक गए, आनन-फानन में प्लांट सील

Fake Bisleri Bottle On DM Table Baghpat Update News बागपत जिले में अधिकारी उस समय हैरान रह गए जब डीएम ने पानी की बोतल उठाकर उसका नाम पढ़ा। कंपनी के ब्रांड की बोतल से मिलती−जुलती बोतल डीएम के सामने रखी थी। सहायक आयुक्त खाद्य को इसकी जांच के आदेश दिए। तत्काल टीम अभि बेवरेज प्लांट पर पहुंची और वहां कार्रवाई की।

By Jagran News Edited By: Abhishek Saxena Updated: Sun, 08 Sep 2024 09:09 AM (IST)
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बागपत विकास भवन में पानी की बोतल में कंपनी का नाम पढ़ते डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह। सौ. सूचना विभाग
संवाद सूत्र, जागरण छपरौली/बागपत। जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह शनिवार को विकास भवन सभागार में पोषण समिति की बैठक कर रहे थे। तभी उन्हें प्रतिष्ठित ब्रांड बिसलेरी से मिलते-जुलते नाम बिलसेरी की बोतलें टेबल पर दिखीं। इस पर डीएम ने सहायक आयुक्त खाद्य को जांच के निर्देश दिए। उन्होंने सिनौली गांव स्थित प्लांट का पंजीकरण निलंबित करते हुए उसे सील कर दिया और चार हजार बोतलें जब्त कर लीं।

सहायक आयुक्त खाद्य मानवेंद्र सिंह ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देशों के अनुपालन में शनिवार को सिनौली में अमित कुमार के अभि बेवरेज नामक प्लांट पर छापा मारा गया। वहां बड़ी संख्या में बिलसेरी के लेबल बरामद किए। इन पर गाजियाबाद का पता लिखकर पैक किया जा रहा था। इस दौरान फर्जी लेबल वाली लगभग चार हजार पेयजल बोतल जब्त की। पैकिंग मशीन, स्टाक आदि उपकरण सील किए। दो नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे गए।

प्लांट का पंजीकरण निलंबित

मानवेंद्र सिंह ने बताया, कि प्लांट का पंजीकरण निलंबित कर दिया गया। प्लांट में किसी प्रकार की छेड़खानी करने पर सख्त कार्रवाई करने की हिदायत दी गई। इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों से नकली उत्पादों के बारे में प्रशासन को सूचित करने की अपील की।

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खतौनी में जमीन दर्ज नहीं करने पर नपेंगे लेखपालः डीएम

विरासत की कृषि भूमि सात साल बाद भी खतौनी में नहीं चढ़ाने के मामले में डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने चार लेखपालों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए। डीएम शनिवार को बड़ौत तहसील में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में जन समस्याएं सुन रहे थे। इस दौरान ढिकाना गांव की एक महिला ने विरासत की जमीन खतौनी में दर्ज नहीं किए जाने की शिकायत की। महिला ने बताया कि उसके पति की 22 साल पहले मृत्यु हो गई थी। इसके बाद जमीन उसके व उसकी सास के नाम चढ़ गई थी। सात साल पहले उसकी सास की भी मृत्यु हो गई, जिसके बाद से वह लगातार तहसील के चक्कर लगा रही है मगर कार्रवाई नहीं की जा रही।

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लेखपाल हैं जिम्मेदार

डीएम ने ढिकाना के हलका लेखपाल से इस संबंध में जवाब-तलब किया तो उसने बताया कि पिछले सात सालों के दौरान ढिकाना में तैनात रहे लेखपाल इसके लिए जिम्मेदार हैं। डीएम ने सात सालों के अंदर तैनात रहे लेखपाल भारत भूषण, शैलेष यादव, जितेंद्र शर्मा, कपिल के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए। डीएम ने सभी लेखपालों को विरासत के मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित करने की हिदायत दी। 

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