संगीनों के साए में रहेगा स्टेशन और ट्रैक
दिल्ली-सहारनपुर वाया शामली रेलमार्ग पर फिलहाल इक्का-दुक्का ट्रेनों का संचालन हुआ।
बागपत, जेएनएन। दिल्ली-सहारनपुर वाया शामली रेलमार्ग पर फिलहाल इक्का-दुक्का ट्रेनों का संचालन ही हो रहा है। किसान आंदोलन को देखते हुए जीआरपी और आरपीएफ अलर्ट है और भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। हालांकि आंदोलन के घोषित समय पर ट्रैक से किसी भी ट्रेन के गुजरने का समय नहीं है।
स्टेशन अधीक्षक सुधीर शर्मा ने बताया कि फिलहाल रेलमार्ग पर अजमेर एक्सप्रेस सप्ताह में तीन दिन रविवार, मंगलवार और शुक्रवार को चलती है, जो बड़ौत रेलवे स्टेशन पर सुबह 4.15 तथा रात्रि में 10.45 बजे आती है। इसके अलावा रेलवे कर्मचारियों के लिए रोजाना सुबह सात बजे तथा शाम सात बजे ट्रेन अप-डाउन करती है। उन्होंने बताया कि फिलहाल ट्रेनों का संचालन कम होने के कारण स्टेशन टिकटों की बिक्री नहीं की जा रही है। नहीं बरती जा रही सख्ताई
बड़ौत रेल स्टेशन के अलावा रेलवे क्रासिग पर फिलहाल अव्यवस्था पूरी तरह हावी है। यहां सुरक्षा की ²ष्टि से चलाए जाने वाले अभियान और पुलिस गश्त के प्रति अभी उदासीनता ही बरती जा रही है। इक्का-दुक्का गुजरने वाले ट्रेनों के दौरान कुछ मिनटों के लिए फाटक बंद होते ही रेलवे ट्रैक पार अराजकता हावी हो जाती है। फाटक के नीचे से होकर पैदल ही नहीं बल्कि बाइक सवार भी धड़ल्ले से ट्रैक क्रास करते देखे जा सकते हैं, जिन पर अंकुश लगाने की दिशा में कोई सजगता फिलहाल नहीं दिखाई देती। रेलवे प्लेटफार्म पर भी बिना रोक-टोक लोग आवागमन करते और ट्रैक क्रास करते खूब दिखाई देते हैं। सजा व जुर्माने के हैं कड़े प्रावधान
रेल लाइन पार करना, रेलवे परिसर में गंदगी फैलाना, चेन खींचना, रेल परिसर में झगड़ा करना, प्लेटफार्म से ट्रेन की ओर झांकना जैसे कार्य अपराध की श्रेणी में आते हैं। रेलवे एक्ट में इस पर कड़ी सजा व जुर्माने के प्रावधान हैं। विरोध-प्रदर्शन के लिए रेल रोकने पर दर्ज मुकदमे में 14 साल तक कैद हो सकती है। रेलवे परिसर में गंदगी फैलाने वालों से पांच सौ रुपए जुर्माना वसूलने, प्लेटफार्म से ट्रेन देखने के झांकने पर भी 500 रुपये के जुर्माने और एक महा की सजा का प्रावधान है। इसके अलावा रेलवे लाइन पार करने पर 500 से एक हजार रुपये का जुर्माना और तीन माह तक की जेल का नियम है।