यूं तो बागपत लोकसभा सीट पर सपा ने मनोज चौधरी को प्रत्याशी घोषित कर रखा है लेकिन दूसरे नेता खुद चुनाव लड़ने को उनका टिकट कटवाने को एडी चोटी का जोर लगा रहे हैं। इसके साथ ही कई नेताओं ने खुद की प्रबल दावेदारी का दावा किया है। वहीं पांच नेताओं ने सपा के प्रत्याशी के रूप में नामांकन पत्र भी खरीद लिया है।
जागरण संवाददाता, बागपत। चार अप्रैल को नामांकन का अंतिम दिन है लेकिन सपा में प्रत्याशी को लेकर घमासान मचा हुआ है। बागपत के सपा नेताओं ने लखनऊ में डेरा डाले हैं लेकिन हाईकमान स्थिति स्पष्ट नहीं कर रहे जिससे अनेक कार्यकर्ता हताश और निराश हैं।
यूं तो सपा ने मनोज चौधरी को प्रत्याशी घोषित कर रखा है लेकिन दूसरे नेता खुद चुनाव लड़ने को उनका
टिकट कटवाने को एडी चोटी का जोर लगा रहे हैं। चार दिन पहले साहिबाबाद के पूर्व विधायक अमरपाल
शर्मा ने पुरा गांव में ब्राह्मणों की सभा कर खुद को सपा प्रत्याशी बता ताल ठोंक चुके हैं।
सपा प्रत्याशी के रूप में पांच ने खरीदा नामांकन पत्र
वहीं मनोज और अमरपाल के अलावा निवाड़ी गांव के जनमेजय, बड़ौत के विकास मलिक और छपरौली के विदुर कुमार भी सपा प्रत्याशी के रूप में नामांकन पत्र खरीद चुके हैं। यानी सपा के पांच लोग लाइन में
हैं।
सपा के तीन धड़ों के लोग लखनऊ में डेरा डाले हैं लेकिन हाईकमान स्थिति स्पष्ट नहीं कर पा रहे जिससे
बागपत में न केवल सपाइयों बल्कि दूसरे दलों के लोगों में भी सस्पेंस बना है।
सपा हाईकमान के इस रुख
को लेकर कई कार्यकर्ताओं में हताशा-निराशा और नाराजगी है।
सपा के एक नेता ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि दूसरे दल प्रचार में मीलों आगे निकल गए और एक हमारी पार्टी हैं कि प्रत्याशी को लेकर सस्पेंस खत्म नहीं कर पाई।
वहीं सपा से घोषित प्रत्याशी मनोज चौधरी ने कहा कि बागपत में प्रत्याशी बदले जाने का सवाल ही नहीं उठता। वे प्रत्याशी हैं तथा तीन या चार अप्रैल को नामांकन करेंगे। सपा जिलाध्यक्ष रविंद्र देव का पक्ष जानने को फाेन किया लेकिन उन्होंने काल रिसीव नहीं की।
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