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Baghpat News: जैविक खेती से मिलेगा हिंडन को नया जीवन, नदी क‍िनारे के बीस गांवों को लेकर यह है योजना

हिंडन नदी को प्रदूषणमुक्त कर निर्मल बनाने के लिए खेती में बदलाव का नया प्लान बनाया गया है। नदी किनारे बसे गांवों में तीन हजार हेक्टेयर भूमि पर जैविक खेती होगी। इससे हिंडन में जैव विविधता बढ़ेगी। जलीय जीव-जंतु मरने से बचेंगे और इंसानी सेहत संवरेगी।

By Jagran NewsEdited By: Taruna TayalUpdated: Tue, 22 Nov 2022 02:30 PM (IST)
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हिंडन नदी किनारे के 20 गांव चयनित, तीन हजार हेक्टेयर जमीन के लिए बनाया प्लान।
बागपत, जागरण संवाददाता। हिंडन नदी को प्रदूषणमुक्त कर निर्मल बनाने के लिए खेती में बदलाव का नया प्लान बनाया गया है। नदी किनारे बसे गांवों में तीन हजार हेक्टेयर भूमि पर जैविक खेती होगी। इससे हिंडन में जैव विविधता बढ़ेगी। जलीय जीव-जंतु मरने से बचेंगे और इंसानी सेहत संवरेगी।

इन फसलों के लिए करेंगे प्रेर‍ित

सरकार का नदियों को बचाने पर जोर है। कृषि विभाग ने हिंडन नदी को बचाने के लिए कैचमेंट एरिया में जैविक खेती कराने के लिए क्लस्टर गठित किए हैं। प्रत्येक क्लस्टर में 500 हेक्टेयर जमीन और एक हजार किसान शामिल हैं। प्रति हेक्टेयर 12220 रुपये सरकार खर्च करेगी, जिसमें बीज-खाद व किसान प्रशिक्षण शामिल हैं। फसलों में रासायनिक उर्वरक एवं जहरीले कीटनाशकों की जगह जैविक उत्पादों का प्रयोग होगा। कृषि विशेषज्ञ व विज्ञानी किसानों को प्रशिक्षण देकर धान, गन्ना जैसी ज्यादा सिंचाई की जरूरत वाली फसलों के बजाय उर्द, मूंग, अरहर, सरसों, गेहूं जैसी कम सिंचाई वाली फसलों की खेती करने को प्रेरित करेंगे। कृषि उपनिदेशक प्रशांत कुमार ने बताया कि इसके लिए मुकारी, सिंगोली, डौलचा, बालैनी, पुरामहादेव, चिरचिटा, गल्हैता, बिनौली, बरनावा, शरफाबाद, रंछाड़, बामनैली, शाहपुर बाणगंगा आदि बीस गांवों का चयन किया गया है।

जहरीला होने से बचेगा पानी

कृषि विषय वस्तु विशेषज्ञ परमिन्दर सिंह ने बताया कि जैविक खेती से कैचमेंट एरिया (जलग्रहण क्षेत्र) का बहकर जाने वाला पानी जहरीला नहीं होगा। कैचमेंट एरिया ऐसे क्षेत्र होते हैं, जिनमें बरसने वाला जल नालों और नदियों के माध्यम से जलाशय अथवा समुद्र में पहुंचता है। इससे नदी के जीव-जंतु मरने से बचेंगे और उनकी प्रजनन क्षमता बढ़ेगी। जिला कृषि रक्षा अधिकारी संदीप पाल का कहना है कि जैविक खेती से मित्र कीटों का खात्मा नहीं होगा। कैचमेंट एरिया में जैव विविधता बढ़ेगी।

इनका कहना है...

जैविक अन्न, सब्जियों व फलों में उच्च स्तर के विटामिन और सूक्ष्म पोषक तत्व होते हैं। जैविक भोजन अधिक पौष्टिक होता है। इसके प्रयोग से लोग बीमारियों से बचेंगे।

-डा. विभाष राजपूत, सीएचसी अधीक्षक

हिंडन किनारे के गांवों में जैविक खेती का प्लान बनाकर उच्च अधिकारियों को भेजा है। इसका मकसद हिंडन को प्रदूषणमुक्त व निर्मल बनाना है।

-विद्यानाथ शुक्ल, सीडीओ

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