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Lakshagriha Case: लाक्षागृह मामले में मुस्लिम पक्ष ने अदालत के फैसले को दी चुनौती, दाखिल की अपील

बरनावा गांव में स्थित लाक्षागृह को लेकर पांच फरवरी को आए अदालत के फैसले को मुस्लिम पक्ष ने चुनौती देते हुए जिला जज की अदालत में अपील दाखिल कर दी है। 53 साल बाद सिविल जज जूनियर डिवीजन प्रथम की अदालत ने पांच फरवरी को फैसला सुनाया था कि बरनावा गांव में प्राचीन टीला महाभारत काल का लाक्षागृह ही है।

By Rajeev Kumar Edited By: Abhishek Pandey Updated: Thu, 07 Mar 2024 03:57 PM (IST)
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लाक्षागृह मामले में मुस्लिम पक्ष ने अदालत के फैसले को दी चुनौती, दाखिल की अपील
जागरण संवाददाता, बड़ौत। बरनावा गांव में स्थित लाक्षागृह को लेकर पांच फरवरी को आए अदालत के फैसले को मुस्लिम पक्ष ने चुनौती देते हुए जिला जज की अदालत में अपील दाखिल कर दी है। हिंदू पक्ष पहले ही इसी अदालत में कैविएट दाखिल कर चुका है।

53 साल बाद सिविल जज जूनियर डिवीजन प्रथम की अदालत ने पांच फरवरी को फैसला सुनाया था कि बरनावा गांव में प्राचीन टीला महाभारत काल का लाक्षागृह ही है।

अदालत ने खारिज की थी मुस्लिम पक्ष की याचिका 

अदालत ने मुस्लिम पक्ष के इस दावे को खारिज कर दिया था कि प्राचीन टीले पर कब्रिस्तान और शेख बदरुद्दीन की दरगाह है। इस फैसले के बाद वादी यानी मुस्लिम पक्ष के लोग असंतुष्ट दिखाई दिए थे और उन्होंने सिविल जज जूनियर डिवीजन प्रथम की अदालत के फैसले को जिला जज की अदालत में चुनौती देने के लिए अपील दायर करने की बात कही थी।

वादी पक्ष के अधिवक्ता शाहिद अली ने बताया कि पांच फरवरी को बरनावा गांव के प्राचीन टीले को लेकर आए अदालत के फैसले को जिला जज की अदालत में चुनौती दी गई है। खालिद खां, मुतवल्ली वक्फ कब्रिस्तान बरनावा की ओर से अदालत में अपील दाखिल की गई है।

वर्ष 1970 से चल रहा वाद

वर्ष 1970 में बरनावा गांव के मुकीम खां ने मेरठ की अदालत में वाद दायर कर दावा किया था कि बरनावा गांव का प्राचीन टीला कब्रिस्तान और शेख बदरुद्दीन की दरगाह है जबकि प्रतिवादी कृष्णदत्त जी महाराज ने दावे को चुनौती देते हुए प्राचीन टीले को महाभारत का लाक्षागृह बताया था।

वादी और प्रतिवादी की मौत हो चुकी है अब दूसरे लोग केस लड़ रहे थे। पांच फरवरी को अदालत ने हिंदुओं के पक्ष में फैसला सुनाते हुए प्राचीन टीले को लाक्षागृह ही माना था जबकि मुस्लिम पक्ष के दावे को खारिज कर दिया था।

हिंदू पक्ष कर चुका है कैविएट दाखिल

श्रीगांधी धाम समिति लाक्षागृह बरनावा के मंत्री, प्रबंधक व प्रतिवादी के पैरोकार राजपाल त्यागी ने बताया कि अदालत में 27 फरवरी को ही कैविएट दाखिल की जा चुकी है। इस बार भी वाद की ठोस साक्ष्यों के साथ पैरवी की जाएगी। कैविएट प्रतिवादी जयवीर के नाम से जिला जज की अदालत में दाखिल की गई थी। मुस्लिम पक्ष द्वारा अपील दाखिल करने के बाद अब अदालत प्रतिवादी पक्ष को सूचित करेगी।

सुरक्षा के घेरे में है लाक्षागृह

अदालत का फैसला आने के बाद से ही बरनावा गांव में लाक्षागृह पर बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है जो वहां होने वाले हर गतिविधि पर नजर रखता है और संदिग्ध लोगों को लाक्षागृह पर जाने से रोकता है। दिन रात लाक्षागृह पुलिस के पहरे में ही रहता है।

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