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कोर्ट में पप्पू ने स्वीकारा अपना अपराध, अदालत ने सुनाई 7 साल की सजा- पुलिस ने तुरंत कर लिया गिरफ्तार

Baghpat Crime News ग्राम लधवाड़ी में 13 जुलाई 2000 को अमन सिंह की गोली मारकर हत्या की गई थी। इस मामले में अदालत से अनुमति मिलने के बाद बागपत कोतवाली पुलिस ने अगस्त 2000 में मेरठ जेल से गांव के ही आरोपित पप्पू को पीसीआर (पुलिस कस्टडी रिमांड) पर लेकर आई थी। पुलिस ने आरोपित पप्पू के विरुद्ध अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी।

By Kapil Kumar Edited By: Mohammed Ammar Updated: Sat, 07 Sep 2024 04:22 PM (IST)
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फिलहाल आरोपी जेल में ही अन्य अपराधों में बंद है।

जागरण संवाददात, बागपत। आगरा जेल में बंद सजायाफ्ता अपराधी पप्पू ने तमंचा रखने का अदालत में अपना अपराध स्वीकार किया। पुलिस ने उसकी निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त तमंचा बरामद किया था। अदालत ने उसको सात साल की सजा सुनाई है।

24 साल पहले की गई थी हत्या

अभियोजन अधिकारी मनोज पटेल के मुताबिक ग्राम लधवाड़ी में 13 जुलाई 2000 को अमन सिंह की गोली मारकर हत्या की गई थी। इस मामले में अदालत से अनुमति मिलने के बाद बागपत कोतवाली पुलिस ने अगस्त 2000 में मेरठ जेल से गांव के ही आरोपित पप्पू को पीसीआर (पुलिस कस्टडी रिमांड) पर लेकर आई थी।

आगरा जेल में बंद है पप्पू

पूछताछ कर उसकी निशानदेही पर लधवाड़ी के जंगल में ईंट भट्ठे के निकट झाड़ियों से तमंचा बरामद किया था। उसके बाद पप्पू को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया था। पुलिस ने आरोपित पप्पू के विरुद्ध अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी। पत्रावली मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट राहुल कुमार सिंह की अदालत में विचाराधीन थी।

पत्रावली पर सुनवाई के दौरान आरोपित पप्पू ने अदालत में अपना अपराध स्वीकार किया और कम से कम सजा की गुहार लगाई। अदालत ने दोषी मानते हुए पप्पू को सात साल की सजा सुनाई तथा तीन हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। अर्थदंड अदा न करने पर दस दिन का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। बता दें कि पप्पू को हत्या के मामले में दूसरी अदालत पहले सजा सुना चुकी है। जो वर्तमान में आगरा जेल में बंद है।

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