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नीलाम हुई परवेज मुशर्रफ के परि‍वार की 13 बीघा जमीन, ई-नीलामी में तीन लोगों ने म‍िलकर लगाई कीमत

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के पर‍िवार की 13 बीघा भूमि यूपी के बागपत में थी। इस भूम‍ि की गुरुवार को ई-नीलामी हुई। ई-नीलामी में तीन लोगों ने बोली लगाकर 13 बीघा जमीन को खरीदा है। खरीदारों को चार महीने में रुपए जमा करने होंगे। पहले महीने में 25 प्रतिशत और अगले तीन महीने में बाकी 75 प्रतिशत रुपये जमा कराने होंगे।

By Jagran News Edited By: Vinay Saxena Updated: Fri, 06 Sep 2024 08:48 AM (IST)
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पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ।- फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, बागपत। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के स्वजन की 13 बीघा भूमि की ई-नीलामी प्रक्रिया गुरुवार सुबह 11 बजे से शुरू होकर रात 9:30 बजे तक चली। शत्रु संपत्ति के रूप में राजस्व अभिलेखों में दर्ज 13 बीघा भूमि की नीलामी 1.38 करोड़ रुपये में हुई, जिसे तीन लोगों ने खरीदा है। रुपये जमा करने के बाद खरीदारों के नाम राजस्व अभिलेखों में दर्ज हो जाएंगे, जिसके बाद परवेज मुशर्रफ और उनके स्वजन का नाम फाइलों में रह जाएगा।

कोताना गांव के रहने वाले नुरू 1965 में पाकिस्तान चले गए थे। उनके नाम से गांव में लगभग 13 बीघा भूमि है, जिसे 2010 में शत्रु संपत्ति घोषित किया गया था। भूमि के आठ प्लाट हैं जिनकी ई-नीलामी प्रक्रिया हुई। शत्रु संपत्ति अभिरक्षक कार्यालय की ओर से बांगर (नदी के किनारे ऊंची) में स्थित इस संपत्ति की नीलामी प्रक्रिया को पूरी कराया गया।

एडीएम पंकज वर्मा ने बताया कि खरीदारों को चार माह में रुपए जमा करने होंगे। पहले महीने में 25 प्रतिशत और अगले तीन महीने में बाकी 75 प्रतिशत रुपये जमा कराने होंगे।

कोताना से खत्म हो जाएगा परवेज मुशर्रफ का नाम

परवेज मुशर्रफ की ददिहाल और ननिहाल कोताना गांव में ही है। उनकी मां का नाम बेगम जरीन और पिता का नाम मुशर्रफुद्दीन था। शादी के बाद वर्ष 1943 में दोनों परिवार गांव से चले गए थे। उनके परिवार के सदस्य नुरू थे। परवेज मुशर्रफ का जन्म दिल्ली में हुआ था। हालांकि परवेज मुशर्रफ गांव में कभी नहीं आए। देश के बंटवारे के दौरान उनका परिवार 1947 में पाकिस्तान जाकर बस गया था।

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