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रालोद के 10 उम्मीदवार जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में नहीं बचा सके जमानत: अब निकाय चुनाव की तैयारी

Jammu Kashmir Assembly Election RLD News लोकसभा चुनावों में भाजपा गठबंधन के साथ मिली दो सीटों पर जीत के बाद रालोद उत्साहित थी। रालोद ने जम्मू कश्मीर के विधानसभा चुनाव में धुव्रीकरण के लिए दस सीटों पर अपने उम्मीदवारों को खड़ा किया था। लेकिन उसके सभी उम्मीदवार अपनी जमानत भी नहीं बचा सके। निकाय चुनावों में अब रालोद अपनी किस्मत आजमाएगा।

By Jagran News Edited By: Abhishek Saxena Updated: Wed, 09 Oct 2024 09:49 AM (IST)
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UP News: रालोद के मुखिया है जयन्त चौधरी।

जागरण संवाददाता, बागपत। UP News: पश्चिमी यूपी से लोकसभा चुनाव में दो सीट पर जीत से उत्साहित हो रालोद का जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव मैदान में कूदना अच्छा अनुभव नहीं रहा। रालोद के उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई है लेकिन पार्टी ने हिम्मत नहीं हारी है।

अब पार्टी वहां भविष्य में होने वाले पंचायत और नगर निकाय चुनावों में किस्मत आजमाएगी। 10 साल तक राजनीतिक वनवास झेल रही रालोद को भाजपा से गठबंधन करने पर बागपत व बिजनौर से लोकसभा चुनाव 2024 में शानदार जीत मिली। इससे उत्साहित होकर रालोद हरियाणा विधानसभा चुनाव में भले ही दूरी बनाकर रही हो लेकिन जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में ठसक के साथ 10 उम्मीदवार मैदान में उतारे।

23 स्टार प्रचारक किए थे घाेषित

रालोद ने जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए केंद्रीय राज्य मंत्री जयन्त चौधरी, महासचिव संगठन त्रिलोक त्यागी, सांसद डा. राजकुमार सांगवान, सांसद चंदन चौहान और छपरौली से भाजपा विधायक डा. अजय कुमार समेत 23 स्टार प्रचारक भी घोषित किए। महासचिव त्रिलोक त्यागी ने तो जम्मू-कश्मीर में डेरा डालकर चुनाव की कमान संभाली। लेकिन मंगलवार को आए विधानसभा चुनाव परिणामों से रालोद का जम्मू-कश्मीर में पैर जमाने का सपना पूरा नहीं हुआ है। उसके अधिकांश उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई।

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रालोद के नेताओं को थी सम्मानजनक वोट मिलने की उम्मीद

सूत्रों ने बताया कि रालोद के वरिष्ठ नेताओं को वहां से सम्मानजनक वोट मिलने की उम्मीद थी लेकिन जिस तरह से परिणाम आए उससे उनका सपना पूरा नहीं हुआ। वहीं, संपर्क करने पर रालोद के महासचिव संगठन त्रिलोक त्यागी ने कहा कि हम मजबूती से चुनाव लड़े हैं लेकिन वहां फारुख अबदुल्ला की नेशनल कांफ्रेंस के पक्ष में ध्रुवीकरण हुआ है। जम्मू में भाजपा को शानदार जीत मिली है। ध्रुवीकरण के चलते रालोद ही नहीं बल्कि पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की पार्टी भी सिमट गई। बाकी दलों का भी बुरा हाल रहा।

त्रिलोक त्यागी का कहना है कि रालोद को कितने प्रतिशत मत मिला, इसकी रिपोर्ट बुधवार को हमारे पास आएगी। अब रालोद जम्मू कश्मीर में अपने संगठन को मजबूत करेगी तथा वहां भविष्य में होने वाले ग्राम पंचायत व नगर निकाय के चुनाव में अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारेगी। 

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