बागपत से डॉ. सत्यपाल सिंह की 'विदाई', RLD के गढ़ में लगाई थी सेंध; पूर्व PM के बेटे को हराकर जीता था चुनाव
वर्ष 2014 की बात है। बागपत में भाजपा कोई ऐसा चेहरा खोज रही थी जो राष्ट्रीय लोकदल के इस गढ़ में सेंध लगा सके। तब पार्टी हाईकमान की तलाश तत्कालीन मुंबई पुलिस कमिश्नर एवं बागपत के बासौली गांव के मूल निवासी डा. सत्यपाल सिंह पर आकर खत्म हुई। आइपीएस डा. सत्यपाल ने हाईप्रोफाइल नौकरी को दो वर्ष पूर्व ही अलविदा कह दिया।
जागरण संवाददाता, बागपत। वर्ष 2014 की बात है। बागपत में भाजपा कोई ऐसा चेहरा खोज रही थी जो राष्ट्रीय लोकदल के इस गढ़ में सेंध लगा सके। तब पार्टी हाईकमान की तलाश तत्कालीन मुंबई पुलिस कमिश्नर एवं बागपत के बासौली गांव के मूल निवासी डा. सत्यपाल सिंह पर आकर खत्म हुई।
आइपीएस डा. सत्यपाल ने हाईप्रोफाइल नौकरी को दो वर्ष पूर्व ही अलविदा कह दिया। वे सेवा से वीआरएस लेकर पार्टी हाईकमान के आदेश पर अमल करते हुए बागपत आ गए। 10 वर्ष के सांसद के कार्यकाल में उन्होंने जनपद में विकास के कई कार्य कराए।
उनके समर्थक हर बैठक से पहले उनका परिचय यह कहते हुए कराते हैं कि डा. सत्यपाल ऐसे पहले नेता हैं जिन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री के बेटे को भी हराया और उनके पोते को भी।
डॉ. सत्यपाल ने पार्टी के फैसले का किया स्वागत
दैनिक जागरण से बातचीत में डा. सत्यपाल ने कहा कि वे पार्टी के फैसले का स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नेतृत्व ने बागपत के लिए जो निर्णय किया वे उसके साथ हैं। वे पार्टी के सच्चे और समर्पित सिपाही हैं। बागपत के लोगों में इस फैसले से निराशा के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह सही है कि लोगों में निराशा है क्योंकि जनपद के लोगों ने 60-70 वर्षाें में पहली बार विकास देखा था।
यहां की जनता के पूर्व के अनुभव बहुत कटु थे। लेकिन लोग समय के साथ इस बात को समझेंगे कि पार्टी ने जो निर्णय लिया है वह कुछ सोच-समझ कर ही लिया है। पार्टी द्वारा उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वे भाजपा के समर्पित सिपाही हैं। वो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के कारण राजनीति में आए। उनका धन्यवाद करते हैं। वरिष्ठ नेतृत्व का जो भी आदेश होगा उसका पालन करेंगे।
ये संकल्प रह गए अधूरे
डा. सत्यपाल ने कहा कि वे बागपत के लिए और बहुत कुछ करना चाहते थे। वे जनता वैदिक कालेज को विश्वविद्यालय बनता देखना चाहते हैं। मेट्रो ट्रेन बड़ौत-कासिमपुर खेड़ी तक लाने का उनका संकल्प था। मेडिकल कालेज का निर्माण, इंजीनियरिंग कालेज स्थापित करना भी उनका सपना है। वे चाहते हैं कि बागपत विकास की रफ्तार में नोएडा को पीछे छोड़ दे।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।