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Baghpat News: शिकायत करने पहुंचे थे मां-बेटा, हाथ में सीडीओ ने थमाया नियुक्त पत्र, खुशी-खुशी लौटे

Baghpat News मृतक आश्रित कोटे से ग्राम विकास अधिकारी की नौकरी चाहने वाला युवक पढ़ाई करने के बाद मां के साथ विकास भवन पहुंचा था। क्लर्क ने उसे एक दिन बाद आने के लिए कहा था। मायूस होकर लौट रहे मां और बेटा सीडीओ के पास पहुंचकर अपनी पीड़ा बताने पहुंचे। इसके बाद बेटे को तत्काल नियुक्ति पत्र दिया गया।

By Jaheer Hasan Edited By: Abhishek Saxena Updated: Sat, 31 Aug 2024 01:01 PM (IST)
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विकास भवन में मृतक आश्रित में बेटे के ग्राम विकास अधिकारी बनने पर मां को मिठाई खिलाता बेटा। जागरण
जागरण संवाददाता, बागपत। आए थे शिकवा-शिकायत करने लेकिन लेकर लौटे ग्राम विकास अधिकारी का नियक्ति पत्र। जी हां! यह अतिश्योक्ति नहीं बल्कि सच है। न केवल नौकरी मिली बल्कि हाथों-हाथ ज्वाइनिंग भी। मिठाई खाने को मिली लेकिन उन्होंने भी सीडीओ काे धन्यवाद बाेल कृतज्ञता जताने में कसर नहीं छोड़ी।

यह कहानी 25 साल पूर्व 1999 से शुरू होती है जब ग्राम्य विकास विभाग में एकाउंटेंट पद पर कार्यरत सोमदत्त शर्मा की हृदय गति थमने से मृत्यु हो गई। तब उनके बेटे अरविंद शर्मा को मृतकाश्रित कोटे से लिपिक संवर्ग की नौकरी मिली। अब गत साल अरविंद शर्मा की हृदय गति थमने से मृत्यु हो गई लेकिन उनके बेटे को लिपिक पद पर नौकरी नहीं चाहिए थी।

उन्हें ग्राम विकास अधिकारी पद पर नौकरी चाहिए थी लेकिन उसके लिए 12वीं उत्तीर्ण जरूरी था लेकिन वे थे नहीं। इसलिए एक साल तक पढ़ाई कर 12वीं उत्तीर्ण कर अब 28 अगस्त को नियुक्ति की मांगकर कागजात दिए। कागजी औपचारिकता पूरी करने के बाद अंकुश अरविंद मां के संग शुक्रवार को विकास भवन आए लेकिन उन्हें कल आने को बोला गया लेकिन दोनों मां बेटे शायद समझ गए कि राह इतनी आसान नहीं।

सीडीओ नीरज कुमार श्रीवास्तव के पास अपनी पीड़ा बयां की

निराश एवं हताश होकर दोनों मां-बेटे सीडीओ नीरज कुमार श्रीवास्तव के पास पहुंचे और अपनी पीड़ा बयां की। सीडीओ ने अंकुश अरविंद तथा उनकी मां से पूरी जानकारी लेने के बाद कहा कि चिंता मत करिए...आज ही नियुक्ति और ज्वाइनिंग होगी। फिर सीडीओ ने अपनी जेब से कुछ पैसे निकालकर अपने कार चालक को देते हुए कहा कि मिठाई लेकर आइए।

सीडीओ ने डीडीओ अखिलेश चौबे से फोन पर बात की तो उन्होंने कहा कि कल नियुक्ति करेंगे लेकिन सीडओ ने कहा कि कल नहीं आज ही नियुक्ति होगी। आप विकास भवन आइए...। डीडीओ फील्ड में गए हुए थे लेकिन तुरंत उन्हें विकास भवन लौटना पड़ा। ग्राम विकास अधिकारी की नियुक्ति देकर हाथों हाथ ज्वाइनिंग भी कराई।

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सीडीओ ने समझाया

लगे हाथों सीडीओ ने उन्हें समझाया कि तुम्हारी उम्र 19 साल है इसलिए नौकरी में अपनी ड्यूटी को सही से अंजाम देना। बुरी आदतों से दूर रहना। जनता की सेवा करना तथा भ्रष्टाचार से दूर रहना। फिर देखना तुम्हें जीवन में कितना मजा आएगा। लगे हाथों अंकुश भारद्धाज ने भी वादा किया कि भ्रष्टाचार को पास नहीं फटकने दूंगा लेकिन वह और उनकी मम्मी की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था। अंकुश भारद्धाज के मुंह से सीडीओ के लिए अनायास ही यह शब्द निकले कि सर! जीवन के इस सुखद क्षण को जीवन भर नहीं भूलेंगे...।

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