रेलवे की लापरवाही, ट्रेन की छत पर यात्रा करते युवा
विभाग की लापरवाही के कारण शामली रेलमार्ग पर युवा ट्रेनों की छत पर बैठकर मौत का सफर हंसते हुए करते हैं।
बागपत, जेएनएन। विभाग की लापरवाही के कारण शामली रेलमार्ग पर युवा ट्रेनों की छत पर बैठकर मौत का सफर हंसते हुए करते हैं। कई हादसे होने के बाद भी रेलवे पुलिस छत पर बैठने वाले युवाओं के खिलाफ अभियान नहीं चलाते हैं। इससे बेखौफ युवाओं की संख्या छतों पर बढ़ रही है।
दिल्ली-सहारनपुर वाया शामली रेलमार्ग पर दौड़ने वाली ट्रेनों में विभाग की तरफ से सुरक्षा को कोई खास बंदोबस्त नहीं हैं। ट्रेनों में आए दिन यात्रियों के बीच सीट पर बैठने को लेकर मारपीट होना भी आम बात हो चली है। सालों से पुलिस ने ट्रेनों में असामाजिक तत्वों के खिलाफ अभियान नहीं चला है। पुलिस की लापरवाही के कारण दौड़ने वाली ट्रेनों की छत पर युवाओं को यात्रा करना शगल बना हुआ है। लोनी से शाहदरा के बीच बिजली की लाइन के तार लगे हैं इसके बाद भी युवा छतों पर सफर करने से नहीं कतराते हैं। अगर किसी दिन कोई बड़ा हादसा हुआ तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? लापरवाह रेलवे विभाग या रेलवे पुलिस। बता दें कि पूर्व में कई युवाओं के साथ ट्रेन की छत से गिरकर दर्दनाक हादसे हो चुके हैं लेकिन पुलिस कोई एक्शन लेने को तैयार नहीं हैं। अभियान नहीं चलने से ट्रेन की छत पर बैठने वाले युवाओं की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। अधिकांश युवा सुबह दिल्ली को जाने वाली ट्रेनों की छत पर बैठकर यात्रा करते हैं। बड़ौत जीआरपी स्टेशन के कार्यवाहक एसओ राजबीर सिंह का कहना है कि बड़ौत प्लेटफार्म पर मौजूद पुलिसकर्मी छत पर बैठकर यात्रा करते है उन्हें उतारते हैं। अगर विभाग की तरफ से कोई अभियान चलता है तो उसमे सहयोग कर सकते हैं। आरपीएफ को ट्रेनों में चेकिग करने का अधिकार है।