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पैरों में दर्द की दवाई लेने आई थी महिला, डॉक्टर ने पति को भेजा बाहर; फिर अंदर से आने लगी थप्पड़ मारने की आवाजें

मोदीनगर की एक महिला पति व अन्य स्वजन के साथ रटौल में निजी चिकित्सक से पैरों में दर्द होने की दवाई लेने आईं थी । आरोप है कि चिकित्सक महिला के पति व स्वजन को बाहर भेज दिया और महिला से अश्लील हरकत करने लगा । महिला ने विरोध किया तो चिकित्सक ने उसे थप्पड़ मारने शुरू कर दिए ।

By Inshad Ali Edited By: Aysha Sheikh Updated: Sat, 12 Oct 2024 08:56 PM (IST)
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रटौल में चिकित्सक के क्लीनिक पर जांच करती पुलिस
जागरण संवाददाता, चांदीनगर। रटौल में दवाई लेने आईं महिला मरीज के साथ निजी चिकित्सक ने की अश्लीलता विरोध करने पर महिला पर प्रेत का साया बताकर थप्पड़ मारे। महिला व उनके पति ने किया हंगामा किया तथा निजी चिकित्सक के खिलाफ तहरीर दी है।

मोदीनगर की एक महिला पति व अन्य स्वजन के साथ रटौल में निजी चिकित्सक से पैरों में दर्द होने की दवाई लेने आईं थी। आरोप है कि चिकित्सक महिला के पति व स्वजन को बाहर भेज दिया और महिला से अश्लील हरकत करने लगा। महिला ने विरोध किया तो चिकित्सक ने उसे थप्पड़ मारने शुरू कर दिए।

पति को भी मारे थप्पड़

थप्पड़ लगने पर पत्नी का शौर सुनकर पति व स्वजन ने अंदर जा कर विरोध किया। तब इस चिकित्सक ने उनके पति पर भी प्रेत का साया बताकर उसको को भी थप्पड़ मारने शुरू कर दिए जिससे वहां हंगामा हो गया। पीड़ित के पुलिस को सूचना देने पर चिकित्सक भाग खड़ा हुआ। पीड़ित ने रटौल पुलिस चौकी पर तहरीर दी। चौकी इंचार्ज सतबीर परमार का कहना है कि तहरीर मिली है। जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

बदलते मौसम में लोग हो रहे वायरल फीवर का शिकार

आपको इस बात का भी ध्यान रखना है कि मौसम में धीरे-धीरे बदलाव आने लगा है। मौसम में आए बदलाव के बावजूद लोग लापरवाही बरतने के कारण वायरल फीवर का शिकार हो रहे है। भले ही इस वर्ष मलेरिया और डेंगू के मरीजों की संख्या कम हो लेकिन वायरल फीवर के मरीजों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है।

मौसम में धीरे-धीरे बदलाव होने लगा है। गर्मी के बाद मौसम सुबह और शाम सर्दी का अहसास होने लगा है। जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है, ऐसे लोग जल्द ही वायरल फीवर की चपेट में आ रहे है। वायरल फीवर के प्रभाव से वायरल फीवर पीड़ित रोगी में सर्दी लग कर बुखार, गले में खराश, शरीर में दर्द, उल्टी, भूख कम लगना, मुंह का स्वाद खराब होना जैसे लक्षण दिखाई देने लगे है।

वरिष्ठ फिजिशियन डा. राहुल विश्नोई बताते है कि इस वर्ष मलेरिया का प्रकोप कम दिखाई दे रहा है, लेकिन डेंगू के लक्षण वाले रोगियों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। बुखार के कारण रोगियों की प्लेटलेट्स भी गिर रही है। अधिक प्लेटलेट्स गिरने से रोगियों का खतरा बढ़ सकता है।

बदलते मौसम में क्या करें डा. राहुल विश्नोई बजाते है कि बदलते मौसम में पंखा न चलाए। साफ सफाई रखे। खाली पेट न रहे। बुखार आने पर थोड़े-थोड़े अंतराल पर तरल पदार्थों का सेवन करते रहे। पूरी तरह से आराम करें। तीन समय केवल पैरासिटामोल लें। बुखार होने लापरवाही न बरते। आवश्यकता पड़ने पर तुरंत किसी योग्य चिकित्सक से सलाह लें।

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