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Bahraich News: तेंदुओं को पकड़ने के लिए लगाया पिंजरा, इस खास उपकरण से होगी निगरानी

Bahraich News उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के कतर्नियाघाट और शिवपुर में तेंदुओं के हमले बढ़ने के बाद वन विभाग ने क्षेत्र में गश्त बढ़ा दी है। पिंजरा लगाते हुए थर्मोसेंसर कैमरों से वन कर्मी निगरानी कर रहे हैं। टीमों का गठन करते हुए तेंदुओं की गतिविधि पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। तेंदुए के हमले के बाद वन विभाग अब सतर्क हो गया।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek PandeyUpdated: Sun, 03 Sep 2023 06:18 PM (IST)
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तेंदुओं को पकड़ने के लिए लगाया पिंजरा, इस खास उपकरण से होगी निगरानी

संवाद सूत्र, बिछिया/शिवपुर (बहराइच): उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के कतर्नियाघाट और शिवपुर में तेंदुओं के हमले बढ़ने के बाद वन विभाग ने क्षेत्र में गश्त बढ़ा दी है। पिंजरा लगाते हुए थर्मोसेंसर कैमरों से वन कर्मी निगरानी कर रहे हैं। टीमों का गठन करते हुए तेंदुओं की गतिविधि पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं।

कतर्नियाघाट वन क्षेत्र के नवीनपुरवा मटेही गांव में शनिवार को सुबह गांव निवासी महिला इंदू देवी पर तेंदुए ने हमला कर दिया था। तेंदुए के हमले के बाद वन विभाग अब सतर्क हो गया। घटना के बाद डीएफओ आकाशदीप बधावन ने घटनास्थल का जायजा लेकर ग्रामीणों की सुरक्षा को लेकर घटनास्थल के पास तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजरा लगवाया है।

निगरानी के लिए लगाया गया थर्मोसेंसर

डीएफओ के निर्देश पर डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के वरिष्ठ परियोजना अधिकारी दबीर हसन ने फील्ड सहायक मंसूर अली के साथ गांव में घटनास्थल व उसके आसपास तेंदुए पर निगरानी के लिए छह थर्मोसेंसर कैमरे व पांच फाक्स लाइट लगाए हैं। वन कर्मियों एक टीम गांव में तैनात की गई है। जो लगातार गश्त कर रही है। ग्रामीणों ने पिंजरा लगाए जाने के बाद राहत की सांस ली है।

शिवपुर प्रभागीय वनाधिकारी संजय शर्मा ने बताया कि बालिका को मौत के घाट उतारने वाले तेंदुए की तलाश में एक पिंजरा लगाया गया है। पांच ट्रैकिंग कैमरा लगाकर तेंदुए की लोकेशन देखने का प्रयास किया जा रहा है। गांव में चार टीम लगाई गई है, जो राउंड द क्लाक गश्त कर रही है। मृतक के परिवारजन को दस हजार रुपये की तात्कालिक सहायता दे दी गई है।

यह बरतें सतकर्ता

डीएफओ ने लोगों से अपेक्षा की है कि अकेले गन्ने के खेत में न जाएं। समूह में ही बाहर निकले। शौचालय का इस्तेमाल करें और गांव के गांव में रात्रि के दौरान प्रकाश का इंतजाम करें, ताकि तेंदुआ आबादी के अंदर आने से कतराए।