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Bahraich Violence: बहराइच हिंसा मामले में बुलडोजर कार्रवाई टली, 27 नवंबर को होगी अगली सुनवाई

बहराइच हिंसा मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 27 नवंबर को तय की है। बता दें कि 13 अक्टूबर को बहराइच में मूर्ति विसर्जन के दौरान हुई हिंसा के बाद जारी ध्वस्तीकरण नोटिसों को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इस संबंध में सोमवार को राज्य सरकार ने भी अपना पक्ष रखा।

By Jagran News Edited By: Sakshi Gupta Updated: Mon, 18 Nov 2024 05:53 PM (IST)
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बहराइच हिंसा मामले में अगली सुनवाई 27 नवंबर को होगी। (प्रतीकात्मक तस्वीर) जागरण।
जागरण संवाददाता, बहराइच। बहराइच हिंसा के मामले में बुलडोजर कार्रवाई पर हाईकोर्ट ने सुनवाई 27 नवंबर नियत की है। हालांकि, मामले में कोर्ट ने अभी कोई अंतरिम आदेश नहीं दिया है।

बता दें कि 13 अक्तूबर को बहराइच में मूर्ति विसर्जन के दौरान हुई हिंसा के बाद जारी ध्वस्तीकरण नोटिसों पर हाईकोर्ट ने 18 नवबंर को सुनवाई की। जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने अगली सुनवाई 27 नवंबर को नियत की है।

राज्य सरकार ने रखा अपना पक्ष

इस मामले में राज्य सरकार ने कोर्ट से मांगा गया जवाब दाखिल कर दिया है। फिलहाल ध्वस्तीकरण नोटिस मामले में 27 नवंबर तक कथित अतिक्रमणकारियों को राहत रहेगी।

बता दें कि हाल ही में 14 नवंबर को हरदी थाना क्षेत्र के महराजगंज में हुई हिंसा के मुख्य साजिशकर्ता खुर्शीद को हरदी पुलिस ने दबोच लिया था। पुलिस का दावा है कि घटना के बाद वह नेपाल भाग गया था।

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मृतक के परिजनों को मिली आर्थिक मदद

मृतक रामगोपाल मिश्र के परिवारजन से 11 नवंबर को रिटायर्ड उपनिरीक्षक समूह ने मुलाकात की थी। इसके साथ ही परिवार को 78,100 रुपये की आर्थिक मदद सौंपी।

ये है पूरा मामला

महराजगंज में बीते 13 अक्टूबर को मूर्ति विसर्जन के दौरान रामगांव थाना क्षेत्र के रेहुआ मंसूर निवासी रामगोपाल मिश्र की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद हिंसा हो गई थी। पुलिस मुख्य आरोपित समेत कई लोगों को जेल भी भेज चुकी है।

षड्यंत्र के तहत हुई थी हिंसा!

महराजगंज में हुई हिंसा अचानक नहीं भड़की थी। इसके लिए पहले से ही सुनियोजित तरीके से षड्यंत्र रचा गया था। लोगों को धारदार हथियार व लाठी-डंडों के साथ बुलाया गया था। जैसे ही यात्रा अब्दुल के घर के पास पहुंची तो तय योजना के अनुसार, श्रद्धालुओं पर पथराव किया गया और ऐसे हालात पैदा किए गए कि पूरा इलाका हिंसा की आग में झुलस गया। यह दावा लखनऊ स्थित किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ट्रामा सेंटर में भर्ती हिंसा में घायल सुधाकर तिवारी ने किया था।

महसी निवासी सुधाकर का वीडियो एक्स पर प्रसारित हो रहा है, जिसमें वह बता रहा है कि जब जुलूस निकल रहा था, तब वह सड़क के किनारे खड़े थे। एक गली से मुस्लिम युवक लाठी-डंडे व धारदार हथियार लेकर वहां पहुंचे और उन पर पीछे से हमला कर दिया।

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