जिम्मेदारों का कारनामा, मृतक लिख रहे बैनामा
खलिहान नजूल व तालाबों की प्लाटिग कर मालामाल हो रहे भूमाफिया रजिस्ट्रार कार्यालय के कर्मचारियों की कार्यशैली पर खड़े हुए सवाल
बहराइच : सुनने में अपको अटपटा जरूर लगेगा, लेकिन यह सच है कि जिम्मेदारों की मिलीभगत से मृतक बैनामा लिख रहे हैं। बेशकीमती जमीन, परती, खलिहान, नजूल व तालाबों की प्लाटिग कर भू-माफिया मालामाल हो रहे हैं। जिम्मेदारों की मिलीभगत से भू-माफिया मृतकों से भी बैनामा कराने का कारनामा कर रहे हैं। सालों पहले मृत लोगों से फर्जी बैनामा व बिक्रीनामा दिखाकर जमीनों को हड़पने का खेल बड़े पैमाने पर चल रहा है। ऐसे में पूरे मामले में रजिस्ट्रार कार्यालय के कर्मचारियों की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं । केस एक : देहात कोतवाली क्षेत्र के फुटहा निवासी जयपत्तर यादव पुत्र वंशराज के बड़े भाई देशराज की मौत 1984 में हो गई थी। उनकी सड़क किनारे लगभग साढ़े चार बीघे बेशकीमती जमीन थी। भू-माफिया ने सात रुपये के स्टांप पर 1986 में मृतक से बिक्रीनामा दिखाकर जमीन पर कब्जा करना शुरू कर दिया। मामले की जांच होने के बाद आरोपितों पर मुकदमा लिखा गया।
केस दो : गोंडा जिले के कटरा थाना क्षेत्र के शाहजोत निवासी सोनम को फर्जी बैनामा कर छह लाख में जमीन बेचने के नाम पर लाखों की धोखाधड़ी की गई। पीड़िता की तहरीर पर दरगाह पुलिस ने पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दो आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेजा।