NRHM Scam: बहुचर्चित एनआरएचएम घोटाले में विजिलेंस जांच का दायरा बढ़ा तो बढ़ेगी पूर्व विधायक की मुश्किलें
बहुचर्चित एनआरएचएम घोटाले में विजिलेंस जांच का दायरा बढ़ा पूर्व विधायक मुकेश श्रीवास्तव उर्फ ज्ञान प्रकाश की तो मुश्किलें बढ़ेंगी। यही नहीं टेंडर प्रक्रिया में उनकी फर्मों को गुपचुप ढंग से तवज्जो देने वाले स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के दामन पर भी दाग नजर आएगा। बता दें कि इस घोटाले में मुकेश श्रीवास्तव उर्फ ज्ञान प्रकाश पत्नी सहित जेल जा चुके हैं।
मुकेश पांडेय, बहराइच। विजिलेंस जांच का दायरा बढ़ा पूर्व विधायक मुकेश श्रीवास्तव उर्फ ज्ञान प्रकाश की तो मुश्किलें बढ़ेंगी। यही नहीं टेंडर प्रक्रिया में उनकी फर्मों को गुपचुप ढंग से तवज्जो देने वाले स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के दामन पर भी दाग नजर आएगा। यह मामला छिपा रहता, अगर पयागपुर के भाजपा विधायक सुभाष त्रिपाठी ने उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक एवं शासन के उच्चाधिकारियों से शिकायत न की होती।
बहुचर्चित एनआरएचएम घोटाले में पत्नी पूजा श्रीवास्तव के साथ डासना जेल में लगभग आठ माह तक रहे मुकेश को 2021 में शुरू हुई विजिलेंस जांच में आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का दोषी पाया गया है। लखनऊ की विजिलेंस टीम ने बीते 12 अक्टूबर 2022 को जांच रिपोर्ट प्रेषित की थी, जिसमें उन्हें 1.12 करोड़ रुपये के ज्ञात आय के मुकाबले 59.74 प्रतिशत अधिक धनराशि 1.80 करोड़ रुपये खर्च करने का दोषी पाया।
इस मामले में विजिलेंस ने उनके विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम का मुकदमा दर्ज किया है। पूर्व विधायक ने दो माह पूर्व विजिलेंस जांच एवं कार्रवाई को रोकवाने के लिए हाईकोर्ट की शरण ली थी। हाल ही में उन्होंने शहर के पाश इलाके फ्रीगंज में दो मंजिला भवन सहित 0.2305 हेक्टेयर में फैली संपत्ति को चार करोड़ रुपये में बैनामा कराया है।
माना जा रहा है कि पिछले वर्षों में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत की गई खरीद-फरोख्त में बरती गई वित्तीय अनियमितता से अर्जित की गई है। ऐसे में जांच का दायरा बढ़ा तो न केवल अवैध तरीके से कमाई गई अकूत संपत्ति सामने आएगी, बल्कि स्वास्थ्य विभाग की टेंडर प्रक्रिया में पूर्व विधायक एवं उनके परिवारजन की फर्मों को शामिल करने वाले अधिकारियों के लिए भी मुसीबत खड़ी होगी।
फर्मों को ब्लैक लिस्टेड करने की प्रक्रिया शुरू
पूर्व विधायक एवं उनके परिवारजन की फर्मों को ब्लैक लिस्टेड करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। राज्य सरकार के अनुसचिव पीयूष कुमार ने महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं को 96 अक्टूबर 23 को पत्र लिख कर सीबीआई से चार्जशीटेड एनआरएचएम घोटाले के आरोपी एवं उनके परिवारजन की फर्मों को टेंडर प्रक्रिया में भाग लेने से रोकने का निर्देश दिया है। इस बाबत सचिव रंजन कुमार ने मुख्य चिकित्साधिकारियों को पत्र भेजा है।
देवीपाटन मंडल सहित कई जिलों फैला कारोबार
पूर्व विधायक एवं उनके परिवारजन का एनएचएम से जुड़ी सामग्री की सप्लाई का कारोबार देवीपाटन मंडल सहित कई जिलों में फैला है। इन जिलों में उनकी मर्जी से मुख्य चिकित्साधिकारी एवं मुख्य चिकित्सा अधीक्षक की तैनाती होती है। इस मामले में उच्चाधिकारियों की कृपा पूर्व विधायक को हासिल होने से इंकार नहीं किया जा सकता है।