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Bahraich: आज से देसी-विदेशी पर्यटकों के लिए खुला कतर्नियाघाट वन्यजीव विहार, इस बार देखने को बहुत कुछ खास

पर्यटकों के स्वागत को कतर्नियाघाट वन्यजीव विहार तैयार हाे गया है। जंगल की नैसर्गिक छटा मोहेगी मन सुबह-शाम बोटिंग के लिए उपलब्ध है मोटरबोट। जंगल में सैर कराने के लिए हाथी भी तैयार हैं। 551 वर्ग किलोमीटर में फैले कतर्नियाघाट को टाइगर प्रोजेक्ट के रूप में जाना जाता है।

By Jagran NewsEdited By: Vrinda SrivastavaUpdated: Tue, 15 Nov 2022 07:46 AM (IST)
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देसी-विदेशी पर्यटकों के लिए खुल गया कतर्नियाघाट वन्यजीव विहार.
बहराइच, [संतोष श्रीवास्तव/योगेंद्र मौर्य]। कतर्नियाघाट वन्यजीव विहार की सैर पर्यटक फिर से कर सकेंगे। मंगलवार को कतर्निया के कपाट पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है। पयर्टकों के लंबे इंतजार के बाद एक बार फिर पर्यटन सत्र की शुरुआत हो चुकी है। वन विभाग ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। इस बार पर्यटक उद्घाटन के दिनों से ही बोट सफारी का आनंद ले सकेंगे। कुलांचे भरते हिरनों के झुंड, गेरुआ नदी में उछल कूद करती डाल्फिनें, धूप सेंकते घड़ियाल और जंगल का मनोरम दृश्य आपका मन मोह लेगा। 

551 वर्ग किलोमीटर में फैले कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग वैसे तो टाइगर प्रोजेक्ट के रूप में जाना जाता है। इसकी शोहरत लुभावने प्राकृतिक पर्यटन स्थल के रूप में फैली है। यहां कदम-कदम पर नैसर्गिक झुरमुटों और वन कुंजों में प्रवास पाने वाले बाघ और तेंदुए के कुनबे जहां सैलानियों को आकर्षित करेंगे, वहीं गेरुआ नदी में उछाल मारने वाली गैंजाइटिक डाल्फिन, मगरमच्छों व घड़ियालों के परिवार गेरुआ नदी के रेतीले टीलों पर धूप सेंकते नजर आएंगे।

यहां बाघ और तेंदुओं के साथ हिरन, सांभर, पाढ़ा, बारहसिंहा, नीलगाय, कांकड़, लंगूरी बंदर झुंड के झुंड देखे जा सकते हैं। पर्यटन के इरादे से आने वाले सैलानियों के लिए 15 नवंबर से 15 जून तक का समय वन्य व जलीय जीवों की सुखद और सहज उपस्थिति देखने को मिलेगी। सुबह-शाम बोटिंग के लिए मोटरबोट भी उपलब्ध है और बच्चों के मनोरंजन के लिए पालतू हाथी भी। वन विभाग ने सैलानियों के लिए यहां डारमेट्री, टाइगर कैंप व घड़ियाल सेंटर भी बना रखा है। चंपाकली और जयमाला सैलानियों को सैर कराएंगी।

ठहरने के स्थल : मोतीपुर व ककरहा में बने थारू हट में पर्यटकों के रुकने का इंतजाम है, इसके लिए आनलाइन बुकिंग करानी पड़ेगी।

कैसे कराएं बुकिंग : अतिथि गृहों के आरक्षण के लिए बहराइच स्थित वन विभाग के डिवीजन कार्यालय पर प्रार्थना पत्र देने के साथ आनलाइन बुकिंग कराने के लिए वेबसाइट www.upecotourism.in पर भी संपर्क कर सकते हैं।

कतर्निया का मुख्य आकर्षण : बाघ- 30, चीतल- 8000, तेंदुए- 89, सांभर-55, नीलगाय-2800, काकड़-300, गैंडा- 12, लंगूर-9000, डाल्फिन-110, घड़ियाल-600, पालतू हाथी-दो, बारहसिंहा-85, जंगली हाथी- 80, जंगली सुअर- 6000 व जंगल के बीच पेड़ों के 60 फीट बने ट्री हट।

यहां कैसे पहुंचे : कतर्निया आने के लिए लखनऊ या दूसरे शहरों से बसों के जरिए बहराइच पहुंचा जा सकता है। बहराइच से वन क्षेत्र के लिए टैक्सियां संचालित हैं। साथ ही निजी वाहनों से भी जंगल तक सीधे पहुंचा जा सकता है।

कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग में आने वाले सैलानियों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए कर्मचारियों को तैनात किया गया है। जंगल क्षेत्र में पर्यटकों के भोजन आदि की व्यवस्था भी कैंटीन लगाकर की गई है। सफारी के दौरान गाइड और वन सुरक्षा कर्मी भी मुस्तैद होंगे जिससे कि सैलानियों को जंगल से रूबरू कराया जा सके। - आकाशदीप बधावन, डीएफओ, कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग बहराइच

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