जिले के छह विरासत वृक्ष काफी टेबल बुक में दर्ज
राज्य विविधता बोर्ड ने तैयार की है काफी टेबल बुक 29 प्रजातियों के 993 वृक्षों का विस्तृत विवरण
बहराइच : ईको पर्यटन को बढ़ावा देने की मुहिम में जुटी प्रदेश सरकार ने नई पहल की है। इसके तहत धार्मिक, ऐतिहासिक एवं सामाजिक मान्यताओं वाले वृक्षों को विरासत वृक्ष का दर्जा देकर उन्हें काफी टेबल बुक में जगह दी है। इस बुक को राज्य विविधता बोर्ड ने तैयार किया है। इसमें बहराइच जिले के छह विरासत वृक्षों की तस्वीरों को जगह मिली है।
काफी की टेबल पर बैठ कर जिन किताबों का अध्ययन किया जा सकता है, उनमें शामिल विरासत वृक्ष में 993 वृक्षों की खूबसूरत तस्वीरों को जगह मिली है। ये वृक्ष 29 प्रजातियों के हैं। इसमें 948 वृक्ष वन भूमि के बाहर के हैं, 28 प्रजातियों के हैं। इस किताब में जिले के छह वृक्षों की तस्वीरों को स्थान मिला है। यहां के वृक्षों में 500 वर्ष पुराना कुसौर कालीमाता मंदिर का बरगद, बाबा गायब गिरि मंदिर डीहा शिवधाम स्थित पीपल, निशानगाड़ा वन विश्राम गृह स्थित बरगद, कतर्नियाघाट स्थित प्रचीन हल्दू, झरुल्ले बाबा मंदिर स्थित बरगद, अब्दुल्लागंज रेंज स्थित बहेड़ा का विशालकाय वृक्ष शामिल हैं। किताब में वृक्षों का स्थान, उसकी उम्र, उसकी सामाजिक एवं ऐतिहासिक मान्यता भी दर्ज की गई है।
छांव में बिताएं कुछ पल, होगी आध्यात्मिक अनुभूति
विरासत वृक्षों की छांव में कुछ पल बिताएं तो आध्यात्मिक अनुभूति होगी। यह कहना है पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूकता अभियान चलाने वाले एसओएस टाइगर संस्था के अध्यक्ष हरिकुमार उर्फ बच्चा पांडेय, सचिव फैज मुहम्मद का कहना है कि ये वृक्ष अलौकिक आभा लिए हुए हैं। पर्यटक केवल हिसक वन्य जीवों का ही नहीं नदी, पहाड़ और इन वृक्षों का भी दीदार करें।
कोट
राज्य विविधता बोर्ड ने विरासत वृक्ष को का ब्योरा एक साथ उपलब्ध कराने के लिए काफी टेबल बुक तैयार की है, जिसमें बहराइच जिले के छह वृक्षों की तस्वीरों को जगह मिली है। यह ईको पर्यटन को बढ़ावा देने के मामले में जिले की बड़ी उपलब्धि है।
-मनीष सिंह, प्रभागीय वनाधिकारी