Bahraich: 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को भी मात दे रहा दस साल का नरेश, प्रतिभा देख हर कोई हैरान
बहराइच के नन्हीं सी उम्र में बड़े बड़े सवालों को हल करने वाले अवध नरेश इन दिनों चर्चा का विषय बने हुए हैं। वे चुटकियों में कक्षा 12वीं के सवाल को हल करने के लिए छात्रों को आसान टिप्स भी देते हैं।
By Jagran NewsEdited By: Vrinda SrivastavaUpdated: Thu, 24 Nov 2022 07:42 AM (IST)
बहराइच, [अनिल कुशवाहा]। ‘करत-करत अभ्यास ते जड़मति होत सुजान, रसरी आवत-जात ते सिल पर परत निशान...’ कबीरदास का यह दोहा नन्हें अवध नरेश पर सटीक साबित हो रहा है। मोतीपुर में रहने वाला दस साल का यह छात्र अपनी प्रतिभा से चर्चा का विषय बना हुआ है। पिता के साथ अभ्यास करते हुए वह अब कक्षा छह से लेकर इंटर तक के गणित के सवालों को पलक झपकाते ही हल कर दे रहा है।
छोटी सी उम्र में उसकी अद्भुत क्षमता को देख स्कूल के शिक्षक व प्रधानाचार्य भी अचंभित हैं। मोतीपुर निवासी राम नरेश यादव प्राइवेट स्कूल में शिक्षक हैं। वह घर पर ही कक्षा छह से लेकर इंटरमीडिएट तक के बच्चों को पढ़ाते हैं। उनका बड़ा पुत्र अवध नरेश अभी दस साल का है। पिता के साथ बच्चों को पढ़ता देख वह भी बैठने लगा।
छोटी सी उम्र से ही उसे पिता ने पढ़ाना शुरू कर दिया। पास के ही अंग्रेजी माध्यम के गोल्डेन पब्लिक एकेडमी विद्यालय जरही रोड में दाखिला दिलाया। यहां पर वह अभी कक्षा चार में पढ़ रहा है। उसकी गणित विषय में अधिक रुचि नजर आ रही है। बौद्धिक क्षमता को देख पिता ने गणित के सवालों को हल करने का अभ्यास शुरू कराया।
अब आलम यह है कि वह कक्षा छह से लेकर इंटर तक के ज्यामिति से लेकर रेखा गणित तक के सवालों को पलक झपकते ही हल कर दे रहा है। घर पर कोचिंग को आने वाली कक्षा ग्यारह की छात्रा शिवानी विश्वकर्मा, अदीबा, छात्र अमित रावत व तरुण रावत बताते हैं कि कठिन सवाल देने के बाद भी चंद मिनट में ही वह जवाब निकाल दे रहा है, जबकि हम सभी को इसमें काफी समय लग जा रहा है।
करीब पांच घंटे कराते अभ्यास : पिता बताते हैं कि वह सुबह दो और शाम को तीन घंटे तक छात्रों को कोचिंग देते हैं। इसी बीच उनका बेटा आकर छात्रों के सवालों को हल करने के सरल तरीके भी बताता रहता है। उसकी छोटी बहन भी कक्षा दो में है। वह भी रसायन विज्ञान में कई प्रमुख चीजों को जान चुकी है।
छात्र में है क्षमता : स्कूल में पढ़ने के दौरान उसकी क्षमता के बारे में जानकारी हुई है। कम उम्र में भी बच्चे की ओर से उच्च स्तर की कक्षाओं की पुस्तकों का अध्ययन किया जा रहा है। सहपाठियों के बीच भी उसकी क्षमता की चर्चा होती रहती है। भविष्य में वह जरूर क्षेत्र व स्कूल का नाम रोशन करेगा। - बलराज सिंह, प्रधानाचार्य
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