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आखिर कहां गया भेड़िया… 60 घंटे से नहीं मिली लोकेशन, हैरत में विशेषज्ञ; 100 गांवों में दहशत बरकरार

बहराइच में भेड़ियों के हमलों से दहशत फैली हुई है। इनके हमलों से अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है और 37 लोग घायल हुए हैं। वन विभाग की 25 टीमें और 200 पुलिस व पीएसी के जवान इलाके में कांबिंग कर रहे हैं। थर्मल ड्रोन कैमरे की मदद से भेड़ियों की लोकेशन का पता लगाया जा रहा है लेकिन वे चकमा देकर निकल जाते हैं।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Sun, 08 Sep 2024 03:04 AM (IST)
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महसी के भेड़िया प्रभावित गांव कोलैला में कर्मियों संग पहरेदारी करते बीडीओ हेमंत यादव। जागरण
जागरण संवाददाता, बहराइच। मार्च से शुरू हुए भेड़ियों के ताबड़तोड़ हमलों से कछार का इलाका थर्रा उठा है। 170 वनकर्मियों का अमला पूरा इलाका छान रहा है। दो दिनों से भेड़ियों की कोई लोकेशन नहीं मिल रही है। इससे विशेषज्ञ हैरत में हैं। 

भेड़ियों ने अब तक 10 लोगों को अपना शिकार बनाया है, जबकि 37 लोग घायल हुए हैं। 40 ग्राम पंचायतों के 100 गांवों में दहशत है। अब तक थर्मल ड्रोन कैमरे में दिखे चार भेड़िए पकड़े गए और दो पकड़े जाने हैं।

भेड़ियों के ताबड़तोड़ हमलों को रोकने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हर संभव कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। नरभक्षी भेड़िए को मारे जाने के भी निर्देश हैं। ऑपरेशन भेड़िया में तीन मुख्य वन संरक्षक, चार डीएफओ के अलावा क्षेत्रीय वनाधिकारी, डिप्टी रेंजर, वन दारोगा, वनरक्षक समेत 170 वनकर्मी गन्ने के खेतों को खंगाल रहे हैं। 

भेड़ियों को पकड़ने के लिए कई तरह की रणनीति तैयार की गई। कई बार थर्मल ड्रोन कैमरे में लोकेशन मिली। हर बार योजना को विफल करते हुए भेड़िया चकमा देकर निकल जाता है। 

गांवों में की जा रही निगरानी

बुधवार देर रात रामदहिनपुरवा में भेड़िए ने बकरी को शिकार बनाया। इसके बाद शुक्रवार की सुबह पचदेवरी गांव के निकट लोकेशन मिली। इससे पहले हरिबक्शपुरवा व थैलिया गांव के निकट भी लोकेशन मिली थी। पकड़ने की तैयारी शुरू होते ही चकमा दे गया। 

डीएफओ अजीत प्रताप सिंह का कहना है कि भेड़िया प्रभावित गांवों को तीन सेक्टरों में बांटकर निगरानी की जा रही है। थर्मल ड्रोन कैमरे से आपरेशन चलाया जा रहा है। शनिवार को पचदेवरी, पूरे सीताराम, गदामार खुर्द में ग्रामीणों ने भेड़िए के देखे जाने की सूचना दी। सर्च ऑपरेशन चलाया गया, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। उन्होंने कहा कि लोकेशन मिलने के बाद उसे घेरा जाएगा। लगातार लोकेशन बदलते रहने से दिक्कत आ रही है।

आखिर कहां गया भेड़िया

60 घंटे बीत जाने के बाद भी भेड़ियों की कोई लोकेशन नहीं मिल सकी है। इसे लेकर विशेषज्ञ भी हैरान हैं। डीएफओ का कहना कि कछार में हजारों एकड़ में गन्ने की फसल खड़ी है। फसल सुरक्षा के लिए किसानों ने तार की फेंसिंग कर रखी है। भेड़िए आसानी से इसमें छिप जाते हैं। इससे उसे पकड़ने में दिक्कत हो रही है।

वन विभाग की 25 टीमें कर रहीं कांबिंग

वन विभाग की 25 टीमें कांबिंग कर रही हैं। 200 पुलिस व पीएसी के जवान सुरक्षा में तैनात हैं। पंचायत व विकास विभाग की 110 टीमें रात में आठ बजे से सुबह पांच बजे तक रखवाली करती है। 11 जिला स्तरीय नोडल अधिकारी निगरानी के लिए तैनात किए गए हैं।

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