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Wolf Terror: भेड़िये के सरदार की तलाश में तेज हुआ सर्च अभियान, ड्रोन से की जा रही निगरानी; कछार की खाक छान रही टीमें

Wolf Terror In Bahraich भेड़ियों के आतंक से बेहाल बहराइच के कछार इलाके में भेड़ियों के सरदार को पकड़ने के लिए सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया गया है। वन विभाग की टीमें ड्रोन से निगरानी कर रही हैं और गन्ने के खेतों में कांबिंग की जा रही है। अब तक पांच भेड़िए पकड़े जा चुके हैं लेकिन सरदार अल्फा अभी भी फरार है।

By Mukesh Pandey Edited By: Riya Pandey Updated: Sat, 14 Sep 2024 08:25 PM (IST)
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'अल्फा' की तलाश में कछार की खाक छान रही टीमें

संजय सिंह, महसी (बहराइच)। 40 ग्राम पंचायतों के 100 मजरों में भेड़िए का आतंक है। पांच भेड़िए अब तक पकड़े जा चुके हैं। भेड़ियों के सरदार 'अल्फा' को पकड़ने के लिए सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया गया है। उसकी तलाश में वन विभाग की टीमें कछार की खाक छान रही हैं। आसमान में ड्रोन लगातार फर्राटे भर रहे हैं। फिर भी लोकेशन न मिलने से वन कर्मी हलकान है।

मंगलवार की भोर हरिबक्स पुरवा गांव के निकट वन विभाग के जाल में पांचवां भेड़िया फंस गया। उसका साथी चकमा देकर निकल गया। वन विभाग का कहना है कि कुनबे का आखिरी भेड़िया अल्फा पकड़ा जाना शेष है। आतंक के अंत के लिए वन विभाग ने फिर से जाल बिछाना शुरू किया, लेकिन हर बार चालाक भेड़िया चकमा देकर निकल गया।

पूरे इलाके को खंगाल रही वन विभाग की टीम

गुरुवार की सिसैया के पास उसकी घेराबंदी की गई, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी। लगातार ड्रोन से सर्च आपरेशन चलाया जा रहा है। रामदहिन पुरवा, दरहिया, पचदेवरी, मैकूपुरवा, दीवान पुरवा, गलकारा, नकाही, अहिरनपुरवा, औराही, पूरेबस्ती गड़रिया समेत पूरे कछार इलाके को वन विभाग की 25 टीमें खंगाल रही हैं। गन्ने के खेत में कांबिंग की जा रही है।

डीएफओ अजीत प्रताप सिंह का कहना है कि पूरी क्षमता के साथ सर्च आपरेशन चलाया जा रहा है। भेड़िए की तलाश रात-दिन की जा रही है। उन्होंने बताया कि भेड़िया लगातार लोकेशन बदल रहा है। इससे दिक्कतें आ रही हैं। बड़े क्षेत्रफल में गन्ने की फसल होने से भेड़िया आसानी से छिप जाता है। लोकेशन मिलते ही उसे पकड़ लिया जाएगा।

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दहशत में ग्रामीण शाम होते ही घर में दुबकने को मजबूर

मक्कापुरवा, पंडितपुरवा, औराही जगीर, कोलैला, नथुवापुर, दर्जिन पुरवा, बड़रिया, सिकंदरपुर, रकबा, मैकूपुरवा, सिंगिया नसीरपुर, अंगरौरा दुबहा, पचदेवरी, नकवा, लोनियन पुरवा, दीवान पुरवा, जंगलपुरवा, नकाही, छत्तरपुर, समेत कछार के 40 ग्राम पंचायतों के 100 मजरों में भेड़िए की दहशत है। बच्चों को घर में दुबकने पर मजबूर होना पड़ता है। ग्रामीण पहरेदारी करते नजर आते हैं।

आखिर कहां छिप गया सरदार

अब तक पांचों भेड़िए हरिबक्श पुरवा गांव के पास से ही पकड़े गए हैं। आखिरी बचे सरदार का दो दिनों से कोई लोकेशन नहीं मिल रहा है। इससे वनकर्मी भी परेशान हैं।

गांव के चिफुरी सिंह, हितेंद्र का कहना है कि यहां पर भेड़िए के छिपने के लिए पर्याप्त प्राकृतिक वास है। एक तरफ नदी का किनारा तो तीन किनारों पर गन्ने की फसल लगी है। आबादी भी दूर है। उनका कहना है इस स्थान पर भेड़ियों ने ठिकाना बना रखा हैं। वह कहीं भी शिकार करे, अपने घर को जरूर आएगा।

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