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धर्म की रक्षा को हुआ था बाबा गणिनाथ का अवतार

बिल्थरारोड (बलिया) : मद्धेशिया समाज के कुलगुरु श्री श्री 1008 संत शिरोमणि बाबा गणिनाथ जी महाराज भगवा

By Edited By: Updated: Fri, 09 Sep 2016 06:49 PM (IST)
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बिल्थरारोड (बलिया) : मद्धेशिया समाज के कुलगुरु श्री श्री 1008 संत शिरोमणि बाबा गणिनाथ जी महाराज भगवान शिव के अवतार थे। जिनका अवतार इस भूलोक में धर्म की रक्षा, मानवता का संदेश देने व मानवों के बीच बढ़ रही वैमनस्यता को दूर करने के लिए हुआ था। भगवान शिव के परम भक्त श्री मंशाराम ग्राम महनार वैशाली में गंगा किनारे अपनी एक कुटिया में सपत्नी रहते थे। मंशाराम जी सात्विक व धार्मिक विचारों को मानने वाले थे। गृहस्थ जीवन के साथ भगवान भोले शंकर के सबसे बड़े उपासक थे। संतानहीन होने के बावजूद उनका भगवान पर पूरा विश्वास था और वे अपने जीवन से खुश थे। इसी विश्वास व मंशाराम की भक्ति से प्रसन्न होकर भोले बाबा ने एक रात दर्शन दिया और अगले ही दिन वन में एक पीपल के पेड़ के नीचे एक अलौकिक बच्चा मिला। इसके अछ्वुत कारनामों ने मंशाराम की ¨जदगी ही बदल दी। बाद में यही बालक राजयोग व महर्षि योग के धनी होने के कारण आगे चलकर गणिनाथ हुए। चंदेल राजाओं में महाराजा धंग की पुत्री क्षेमा से विवाह के बाद गणिनाथ ने अपने पराक्रम से उनके राजपाट को और बढ़ा दिया। बाद में महाराजा धंग ने गणिनाथ का राज्याभिषेक कर दिया। इस बीच महमूद गजनी की क्रूरता की चर्चा सुनते ही गणिनाथ ने अपने प्रतापी पुत्र विद्याधर संग गजनी को देश से खदेड़ दिया। इस बीच पलवैया में यवनों के अत्याचार की सूचना मिली। इससे निपटने के लिए भयंकर युद्ध हुआ। युद्ध में हार के बाद यवनों की सेना भी बाबा गणिनाथ जी महाराज के तपबल व योगशक्ति से इतना प्रभावित हुए कि शरणागत हो गए। इसके बाद अपने बेटे विद्याधर को राजपाट की जिम्मेवारी सौंप गणिनाथ सन्यासी वेश में खजुराहो की तरफ चले गए। वे खजुराहो से चित्रकुट, प्रयाग, अयोध्या व गो¨वदधाम तक की यात्रा पूरी की व देश के कई हिस्सों में जाकर लोगों को योग, साधना, मानवसेवा व शिक्षा के प्रति जागरूक किए।

बाबा गणिनाथ के संदेश

-वेदों का अध्ययन करें

-सच्चाई व धर्म का पालन करें

-काम, क्रोध, लोभ, अभिमान व आलस्य का त्याग करें

-नारी का सम्मान व रक्षा करें

गणिनाथ पूजनोत्सव आज

- नगर स्थित न्यू कालोनी में मद्धेशिया धर्मशाला के लिए प्रस्तावित भूमि पर शनिवार को संत शिरोमणि बाबा गणिनाथ जी महाराज का जन्मोत्सव सुबह आठ बजे ध्वजारोहण के साथ धूमधाम से मनाया जाएगा। पूजनोत्सव के बाद आयोजन समिति के अध्यक्ष व नपं चेयरमैन दिनेश गुप्त के नेतृत्व में हाथी-घोड़ा संग नगर में बाबा गणिनाथ जी महाराज की भव्य शोभा यात्रा निकाली जाएगी। मद्धेशिया सेवा समिति व मद्धेशिया युवा मंच की देख-रेख में देर शाम भक्ति जागरण का भी आयोजन होगा।