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Ballia Samuhik Vivah: सामूहिक विवाह योजना में फर्जीवाड़ा के मामले में अभियाेजन की स्वीकृति, भेजी गई चार्जशीट

यूपी के बल‍िया में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में फर्जीवाड़ा सामने आया था। इस मामले में चार अधिकारियों सहित 17 आरोपितों के खिलाफ पुलिस कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। समाज कल्याण विभाग के तीन अधिकारियों के खिलाफ शासन की ओर से अभियोजन की स्वीकृति मिल गई है जबकि पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के एक अधिकारी के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति के लिए शासन को पत्र भेजा गया है।

By Mahendra Kumar Dubey Edited By: Vinay Saxena Updated: Thu, 13 Jun 2024 03:13 PM (IST)
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बलिया: मनियर में अयोजित सामूहिक विवाह में शामिल जोड़े।- फाइल फोटो

महेंद्र दुबे, बलिया। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में फर्जीवाड़ा करने वाले चार अधिकारियों सहित 17 आरोपितों के खिलाफ पुलिस कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। समाज कल्याण विभाग के तीन अधिकारियों के खिलाफ शासन की ओर से अभियोजन की स्वीकृति मिल गई है, जबकि पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के एक अधिकारी के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति के लिए शासन को पत्र भेजा गया है।

एसपी देवरंजन वर्मा ने बताया कि अभियोजन की स्वीकृति मिलने के बाद आरोपितों के खिलाफ 10 जून के पहले ही चार्जशीट कोर्ट में भेज दी गई है। इस मामले में सभी आरोपित अभी जेल में हैं। हाईकोर्ट से भी किसी को राहत नहीं मिला है। जांच का दायित्व डीएम रवींद्र कुमार ने सीडीओ ओजस्वी राज को सौंपा था।

फर्जीवाड़ा में समाज कल्याण विभाग के सहायक विकास अधिकारी सुनील कुमार, अतिरिक्त प्रभारी भानु प्रताप, पटल सहायक रवींद्र गुप्ता एवं वरिष्ठ सहायक पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी वीरेंद्र कुमार के अलावा 14 आरोपितों के खिलाफ मनियर कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था फर्जीवाड़े का वीडियो

शासन ने 1640 लाभार्थियों की शादी का लक्ष्य निर्धारित किया था। बेल्थरारोड के हल्दीरामपुर स्थित इंटर कालेज में 17 जनवरी को सीयर, नवानगर, पंदह, नगरा, रसड़ा, गड़वार ब्लाक के 662 जोड़ों की शादी कराई गई थी जबकि 25 जनवरी को मनियर में 568 जोड़ों का विवाह हुआ था।

फर्जीवाड़ा का मामला सामने आने पर 240 से अधिक अपात्रों से उपहार के सामग्री भी वापस करा लिया गया था। प्रभारी समाज कल्याण अधिकारी पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी की भूमिका भी संदिग्ध थी लेकिन उन्हें खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। मामले की जांच कर रहे मुख्य विकास अधिकारी ओजस्वी राज ने अंतिम रिपोर्ट भी शासन को भेज दी। इसी आधार पर लाभार्थियों के रोकी गई धनराशि भी भेज दी गई।

वीडियो वायरल होने पर एक्शन

सोशल मीडिया पर विवाह समारोह का वीडियो प्रसारित होने के बाद जिलाधिकारी रवींद्र कुमार और सीडीओ ओजस्वी राज ने जांच के लिए अधिकारियों की टीम बनाई थी। मनियर में मुकदमा दर्ज करने के बाद एसपी देवरंजन वर्मा ने 25 निरीक्षकों को लगाकर मामले में एक-एक लाभार्थी का बयान दर्ज कराया था। बयान और साक्ष्य के आधार पर सरकारी अधिकारियों सहित 17 आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में भेज दी गई है।