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बलिया में कटान पीड़ितों के लिए बनेगी कालोनी और मिलेंगे प्रधानमंत्री आवास, 5 साल बाद 52 परिवारों को मिली जमीन

शासन के निर्देश पर बलिया में कटान पीड़ितों को बसाने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। सड़क किनारे बसे लोगों को चयनित स्थान पर जाने के लिए कहा गया है। कालोनी विकसित करने की कवायद जारी है। इस दिशा में शीघ्र कार्य शुरू कराया जाएगा।

By sameer tiwariEdited By: Saurabh ChakravartyUpdated: Fri, 11 Nov 2022 11:15 PM (IST)
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बलिया में बरसात के दौरान कटान से लोगाेंं को हुई थी दिक्‍कत।
जागरण संवाददाता, बलिया : कटान पीड़ितों के लिए खुशखबरी है। अब उन्हें व्यवस्थित ढंग से बसाने की योजना बनाई गई है। उनके लिए सरकारी कालोनी बनाई जाएगी। साथ ही उन्हें प्रधानमंत्री आवास उपलब्ध कराए जाएंगे। शहरी व्यवस्था की तर्ज पर बिजली, पानी, सड़क व अन्य सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएंगी। कटान पीड़ितों के बच्चों को निश्शुल्क शिक्षा प्रदान की जाएगी। इसी क्रम में गंगा के कटान से पांच साल पहले बेघर हुए 52 परिवारों के 250 सदस्यों के लिए शुक्रवार का दिन खास रहा।

तहसील प्रशासन ने तीन दिन के भीतर सभी कार्यवाही पूरी कर ली। गुरुवार की रात प्रति कटान पीड़ित ढाई डिसमिल जमीन के हिसाब से दयाछपरा में नवीन परती की 0.532 हेक्टेयर जमीन पर आवासीय पट्टा आवंटित कर दिया गया। शुक्रवार को भारी फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे उप जिलाधिकारी आत्रेय मिश्र ने कटान पीड़ितों को भूमि पर कब्जा दिलाया। राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे बंधे पर जीवन-बसर कर रहे लोगों को अब ठौर-ठिकाना मिल गया है। जल्द ही उनका फिर से अपना आशियाना होगा।

प्रधान का पावर सीज कर पूरी हुई कार्यवाही

यह जमीन दया छपरा के लोग गोपालपुर, दुबे छपरा व सुघरछपरा के कटान पीड़ितों को नहीं देना चाहते थे। ग्राम प्रधान ने भी पट्टा के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया था। इसके बाद एक दिन के लिए ग्राम प्रधान का पावर सीज करते हुए उपजिलाधिकारी के निर्देश पर मौजा के लेखपाल के हस्ताक्षर से आवासीय भूमि का पट्टा आवंटित कर दिया गया।

कटान पीड़ितों की खुशी का ठिकाना नहीं

कटान पीड़ित गुड्डू राम ने कहा कि काफी वक्त खुशी के क्षण मिले हैं। कटान में कच्चा घर बह गया। पत्नी व बच्चों के साथ किसी तरह बंधे पर जीवन-यापन किया जा रहा है। आवासीय पट़्टा मिलने के बाद मन में नई आस जगी है। श्रवण चौधरी ने कहा कि यह काम पहले हो जाना चाहिए था। इसमें बहुत देर हो गई। फिर भी देर आए दुरूस्त आए। महेंद्र चौधरी ने कहा कि कटान पीड़ितों के लिए वर्षों से दंश झेलना मजबूरी बन चुका था।

उम्मीद टूटती जा रही थी लेकिन अब दोबारा अपना आशियाना होगा इसे लेकर खुशी है। लालमुनि देवी ने कहा कि बंधे पर रहना आसान नहीं होता। बच्चों की सुरक्षा को लेकर डर लगा रहता है। बारिश के दिनों में हालात और विकट हो जाते हैं। पट्टा मिलने के बाद राहत मिली है।

लक्ष्मीना देवी ने कहा कि सरकार ने बहुत बढ़िया कार्य किया है। इसी तरह सभी कटान पीड़ितों को बसाने की दिशा में तेजी लाने की आवश्यकता है। कुसुम देवी ने कहा कि पूरे परिवार के लिए राहत की बात है। अब आने वाले दिनों में सबका अपना ठौर-ठिकाना होगा।

कटान पीड़ितों को बसाने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है

शासन के निर्देश पर कटान पीड़ितों को बसाने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। सड़क किनारे बसे लोगों को चयनित स्थान पर जाने के लिए कहा गया है। कालोनी विकसित करने की कवायद जारी है। इस दिशा में शीघ्र कार्य शुरू कराया जाएगा।

- सौम्या अग्रवाल, जिलाधिकारी

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