बलिया वसूली कांड: थानाध्यक्ष और चौकी प्रभारी सहित पांच पुलिस कर्मी फरार, नहीं मिला लोकेशन
नरही और कोरंटाडीह चौकी में शुक्रवार को सन्नाटा पसरा था। थाने में निलंबित उप निरीक्षक मंगला उपाध्याय काम निपटाने में जुटे थे। निलंबन की बात करने पर उन्होंने बताया कि आदेश तो हो गया है लेकिन अभी थाने नहीं पहुंचा है। उन्होंने बताया कि आजमगढ़ से किसी की तैनाती हुई पर अभी वह चार्ज लेने नहीं आए हैं। थाने के अन्य पुलिसकर्मी और उप निरीक्षक सहमे हुए थे
जागरण संवाददाता बलिया। थानाध्यक्ष पन्ने लाल और चौकी प्रभारी राजेश कुमार प्रभाकर सहित पांच पुलिस कर्मी फरार हैं। अभी तक जांच कर रहे एएसपी आजमगढ़ को उनका लोकेशन नहीं मिला है। उनका कहना है कि जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
हाजिर नहीं होंगे तो आगे की कार्रवाई की जाएगी। छापेमारी के समय थाने में थानाध्यक्ष की उपस्थिति को लेकर हकीकत क्या है यह तो जांच के बाद पता चलेगा लेकिन रिकार्ड में उन्होंने 23 जुलाई से ही रवानगी दर्ज कराई है।
उप निरीक्षक मंगला उपाध्याय का कहना है कि अब जीडी आनलाइन हो गई है। इसमें कोई छेड़छाड़ नहीं कर सकता है। मामले की उच्चाधिकारी जांच कर रहे हैं, इसलिए कुछ भी नहीं कहा जा सकता है।
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डीआइजी के पीआरओ सुशील कुमार की तहरीर पर थानाध्यक्ष पन्नेलाल, चौकी प्रभारी राजेश कुमार प्रभाकर,सतीश गुप्ता, हरिदयाल , बलराम सिंह, दीपक मिश्र, विष्णु यादव पुलिस कर्मियों पर मुकदमा दर्ज कराया गया है।इसमें से सतीश गुप्ता और हरिदयाल को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि अन्य पुलिस कर्मी फरार हो गए हैं। फरार पुलिस कर्मियों का अभी तक लोकेशन नहीं मिल पाया है। पन्नेलाल सहित अन्य की मोबाइल स्वीच आफ बता रहा है। इस मामले में पुलिस अधिकारी भी कुछ बताने से कतरा रहे हैं।
मलाईदार थाने पर ही तैनात रहते हैं पन्नेलालमूलत: गोरखपुर के रहने वाले पन्ने लाल मलाईदार थानों पर ही तैनात रहते हैं। वसूली को लेकर सुर्खियों में रहे हैं। कुछ दिन तक गाजीपुर में भी सेवा कर चुके हैं। उनकी पहुंची भी ऊपर तक रहती है। इसके चलते एसपी उन्हें उनके मनमाफिक थाने पर तैनाती करते थे।
भरौली में लगाई जाती थी खास सिपाही की ड्यूटीभरौली चेकपोस्ट पर सबकी ड्यूटी नहीं लगाई जाती थी। पन्नेलाल का जो खास सिपाही और उप निरीक्षक रहते थे उन्हें ही चेकपोस्ट पर तैनाती दी जाती थी। हरिदायल उनके खास में थे। इसके साथ ही स्थानीय लोगों को भी वसूली में लगाया जाता था।इसे भी पढ़ें- गोरखपुर में खोराबार टाउनशिप से बेघर हुए लोगों मिली बड़ी राहत, अब GDA देगा फ्लैट
बताया जा रहा है कि आसपास के गांव से दो से तीन युवक इस कारोबार में लगे हुए हैंं। वह पुलिस के संरक्षण में वसूली करते हैं। एक उप निरीक्षक ने बताया कि थाने में क्या हो रहा है कोई मतलब नहीं है। जो काम मिला उसे पूरा कर आवास पर चले जाते थे। रात में वह अकेले ही थाने में थे, जब एडीजी आए थे।
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