उत्तर प्रदेश में बाढ़ का कहर जारी है। बाढ़ की वजह से बलिया जिले की 25 सड़कों को क्षतिग्रस्त कर दिया है जिसमें एनएच-31 भी शामिल है। ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों की खस्ता हालत से लोगों को आवागमन में परेशानी हो रही है। जल जीवन मिशन की वजह से भी कई सड़कों को नुकसान पहुंचा है। लोक निर्माण विभाग क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत कर रहा है।
जागरण संवाददाता, बलिया। जिले में गंगा और सरयू के बाढ़ से एनएच-31 सहित 25 सड़कें क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। बाढ़ का पानी कम होने पर सड़कों की स्थिति दिखने भी लगी है। बाढ़ खत्म होने के बाद गांव के लोगों को क्षतिग्रस्त सड़कों को लेकर भी काफी परेशानी झेलनी पड़ेगी।
लगभग 18 करोड़ से 25 ग्रामीण सड़कों का निर्माण कराया गया था। जिले में जल जीवन मिशन ने भी भारी संख्या में सड़कों को नुकसान पहुंचाया है। उन सड़कों को ठीक किया जा रहा था तब तक बाढ़ आने के कारण कई क्षेत्रों की सड़कें डूब गईं।
लंबे समय पर सड़क पर पानी रहने के कारण सड़कों पर दलदल हो गया और पिच उखड़ गया। कई सड़कें लंबी दूरी तक पूरी तरह से कट भी गई हैं। बैरिया तहसील क्षेत्र में सर्वाधिक सड़कों को नुकसान पहुंचा है। इसमें लोक निर्माण विभाग की सर्वाधिक सड़कें शामिल हैं।
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बाढ़ के पानी से इन सड़कों को पहुंचा नुकसान
गोपालनगर टांडी मार्ग, डुमाईगढ़ मार्ग, बिहार सीमा मार्ग, गोपालपुर-दुबेछपरा मार्ग, शिवपुर मार्ग, चांददियर-मांझी नई बस्ती मार्ग, दोकटी घाट मार्ग, भरसौता, बादिलपुर, पोखरा, गायघाट, बेलहरी, बलिहार, पांडेयपूर, जगदेवा, टेंगरही, लालगंज-शतीघाट, टोला रिसालराय, भवन टोला, सेवादास धाम मार्ग, सिताबदियारा आदि सहित बाढ़ क्षेत्र की अन्य सड़कें भी शामिल हैं। इसमें अधिकांश सड़कें लोक निर्माण विभाग की ही हैं।
केस एक
सरयू के बाढ़ के पानी से सुरेमनपुर-गोपाल नगर मार्ग कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गया है। मार्ग के कट जाने से लोगों के आवागमन में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। यह मार्ग एक सप्ताह तक सरयू नदी के बाढ़ के पानी में डूबा हुआ था। पानी कम होने पर अब मार्ग से पानी हट गया है, लेकिन वहां दलदल होने के चलते लोगों को आवागमन में परेशानी हो रही है।
लोक निर्माण विभाग अभी उसे चलने के लायक बनाया जा रहा है, लेकिन सड़क को बेहतर हाल में बनाने की लोग मांग कर रहे हैं। गांव के लोगों ने बताया कि इसी मार्ग से लोग बिहार में भी आवागमन करते हैं।
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केस दो
जयप्रकाशनगर ढ़ाला से भवन टोला जाने वाले मार्ग पर भी गंगा का पानी चढ़ गया था। इसके कारण कई स्थानों पर मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया है। इसी रूट से लोग गंगा स्नान के लिए टिपूरी घाट पर जाते हैं। अब जब तक मार्ग नहीं बनता लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना होगा।
निर्माण खंड के अधिशासी अभियंता केशरी प्रसाद ने कहा कि सभी सड़कों का सर्वे कराया जा रहा है। कुछ स्थानों पर ग्रामीण सड़कें लंबी दूरी तक कट गई हैं। प्रथम चरण में पानी कम होने के बाद उन सड़कों को चलने लायक बनाया जाएगा। उसके बाद मानक के अनुसार मरम्मत कार्य होगा।
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