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बलिया में बाढ़ का कहर, गंगा-सरयू के उफान पर होने से मुसीबत में दो लाख की आबादी; प्रशासन भी नहीं ले रही सुध

यूपी के बलिया जिले में हर साल बाढ़ कई तरह का संकट लेकर आता है। कई घरों में पानी प्रवेश करने के बाद लोग अपने बच्चों को लेकर सड़क किनारे रहने को विवश हो गए हैं तो कहीं पशुपालक अपनी पशुओं को लेकर परेशान हैं। अचानक गंगा और सरयू के जलस्तर में बढ़ाव होने से जनपद की लगभग दो लाख की आबादी बाढ़ के पानी से घिर गई है।

By Lovkush Singh Edited By: Riya Pandey Updated: Mon, 16 Sep 2024 04:31 PM (IST)
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बलिया में बाढ़ के प्रकोप से दो लाख लोगों का संकट में जीवन

जागरण संवाददाता, बलिया। बाढ़ की त्रासदी के बीच लोगों का जीवन हर पल संकट के दौर से गुजर रहा है। दुबे छपरा में घरों में पानी प्रवेश करने के बाद लोग चौकी के ऊपर चौकी रखकर भोजन पका रहे हैं। गांव की गलियों में पानी हो जाने से आवागमन में भी दिक्कत हो रही है। पानी में रेंगते हुए लोग मुख्य सड़क तक आ रहे हैं। घर के लोग बच्चों को लेकर हर समय डरे रह रहे हैं।

दो दिन के अंदर गांवों में लबालब पानी होने से हर किसी की मुसीबत बढ़ गई है। दुबे छपरा में गांव से निकलकर लोग एनएच-31 के किनारे शरण ले रहे हैं। अमर नाथ मिश्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय व पीएन इंटर कालेज दुबे छपरा में भी पानी प्रवेश कर गया है।

सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं

सोमवार को बैरिया के उपजिलाधिकारी अपनी पूरी टीम के साथ मौके पर पहुंच थे। वहां बाढ़ चौकी स्थापित कर दी गई है, लेकिन अभी सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है। अस्थाई शौचालय या लाइट की व्यवस्था भी मौके पर नहीं की गई है। बाढ़ क्षेत्र में लोगों को शुद्ध पेयजल की भी दिक्कत भी होती है। बाढ़ के कारण हैंडपंप भी दूषित जल देने लगते हैं, लेकिन जिला प्रशासन की ओर से पेयजल की व्यवस्था भी नहीं की गई है।

बैरिया के एसडीएम सुनील कुमार ने बताया कि प्रशासन की ओर से हर स्तर से तैयारी है। जरूरत के हिसाब से व्यवस्था की जाएगी। सड़क के पास शरण लेने वाले लोगों को पका पकाया भोजन भी दिया जाएगा। बाढ़ की स्थिति का आकलन किया जा रहा है।

घर में पानी प्रवेश करने पर सुरक्षित स्थान पर जा रहे थे लोग

मझौंवा में गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि होने से बलिया-बैरिया राष्ट्रीय राजमार्ग के दक्षिण बसे 20 से अधिक गांव बाढ़ के पानी के से घिर गए हैं। दुबे छपरा, गोपालपुर, उदई छपरा, सुधर छपरा, रामगढ़ का सोनार टोला, बनिया टोला, मझौवा, धर्मपुरा, शुक्लछपरा, गरया, डांगरबाद, जगछपरा, रुद्रपुर, प्रबोधपुर गायघाट पोखरा, बाबू बेल, बंधु चक आदि गांव में घरों में पानी प्रवेश कर गया है।

गोपालपुर गांव के पासवान बस्ती में पानी प्रवेश कर जाने के कारण साजन पासवान, राजन पासवान अपने स्वजनों व पशुओं के साथ बंधे पर शरण के लिए स्थान ढूंढ रहे थे। प्रबोधपुर की माया देवी घर में पानी प्रवेश करने के कारण अपने मायका में जाकर शरण लेने की तैयारी में थीं। उनके पति अनिल राम दैनिक मजदूरी कर परिवार चलाते हैं। बाढ़ ने पूरे परिवार को मुसीबत में डाल दिया है। बाढ़ क्षेत्र में लोग अपनी पशुओं को लेकर भी काफी परेशान दिखे।

धर्मपुरा गांव के सुरेंद्र, संतोष, पृथ्वी नाथ, मझौवा के बैजनाथ, बंधु चक के स्वामीनाथ आदि के घरों में पानी प्रवेश कर जाने के कारण सड़क के किनारे शरण ले रहे थे। हरिहरपुर, चैन छपरा गांव में भी गंगा का पानी प्रवेश करने से लोग सुरक्षित स्थानों की खोज करने लगे हैं। क्षेत्र में कहीं भी गोपालपुर गांव को छोड़कर बाढ़ चौकियां नहीं बनी हैं। इसके चलते प्रभावित गांवों के लोगों को काफी परेशानी हो रही है।

रिंग बंधा पर शरण ले रहे लोग, लगा है गंदगी का अंबार

दोकटी में गंगा के बाढ़ से ग्राम पंचायत रामपुर कोड़रहा, ग्राम पंचायत शिवपुर कपूर दियर की कई बस्तियां घिर चुकी है। सभी लोग अचानक मुसीबत में पड़ गए हैं। बाढ़ प्रभावित गांवों में ब्लाक की तरफ से छिड़काव किया जाता था, लेकिन इस बार कोई सक्रियता नहीं है।

रिंग बंधा पर लोग शरण ले रहे हैं, लेकिन वहां भी गंदगी का अंबार लगा हुआ है। बाढ़ के समय में विषैले जीव भी ज्यादा निकलते हैं। इससे भी सभी लोग भयभीत हैं। गंगा में लगातार वृद्धि को देखते हुए तटवर्ती लोग बाजार से आवश्यक सामग्री की खरीदारी कर घर पर रखने लगे हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से प्रभावित क्षेत्रों में कोई खास प्रबंध नहीं किए गए हैं।

शहर के निचले इलाके में मची अफरा-तफरी

शहर के निचले इलाके में भी बाढ़ से भयावह हालात हो गए हैं। लोगों में अफरा-तफरी मची है। लगभग 500 घरों के लोग बाढ़ के पानी से घिरे हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई इंतजाम नहीं किया गया है। शनिचरी मंदिर के पास तक गंगा का पानी पहुंच गया है। घरों के लोग मकान खाली कर अपने रिश्तेदारों के यहां जा रहे हैं। शहर के कटहल नाला में भी पानी का बहाव गंगा नदी के ओर से शहर की ओर से हो गया है। इस नाले के माध्यम से पानी सुरहाताल में जाने लगा है।

सरयू भी पार की खतरा निशान

गंगा के साथ सरयू भी सोमवार को खतरा निशान पार कर गई। इससे हालात और भी भयावह होने लगे हैं। सरयू से प्रभावित गांवों में चांददियर, बकुल्हां, टोला फतेहराय आदि गांव हैं। सुरेमनपुर के गोपालनगर टांडी, बांसडीह के सुल्तानपुर आदि क्षेत्रों में भी बाढ़ की स्थिति बनने लगी है। नदियों का पेटा पानी से भर जाने के कारण अभी कटान नहीं हो रहा है, लेकिन बाढ़ से सभी की मुसीबत बढ़ गई है।

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