बलिया में मंडराया बाढ़ का खतरा, गंगा व सरयू ने खतरे के निशान को किया पार; तटवर्ती इलाकों में मची खलबली
Balia Flood बलिया जिले में गंगा और सरयू नदी के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। दोनों की नदियों ने खतरे का निशान पार दिया है। साथ ही तटवर्ती इलाकों में बाढ़ के हालत बन गए हैं। जलस्तर बढ़ने के साथ ही कटान से राहत मिली है लेकिन बाढ़ ने तबाही मचा रखी है। तटवर्ती इलाके लोग दहशत में हैं।
संवाद सूत्र, बैरिया। क्षेत्र में गंगा और सरयू का जलस्तर एक बार फिर खतरा निशान को पार कर गया है। इससे बाढ़ के हालात बनने लगे हैं। जल स्तर बढ़ने के कारण कटान से तो राहत है, लेकिन अब बाढ़ से तबाही मचने लगी है।
सोमवार को गायघाट मीटर गेज पर गंगा का जलस्तर 57.770 मीटर दर्ज किया। यहां खतरा निशान 57.615 मीटर है। गंगा का जलस्तर खतरा निशान से 15 सेमी ऊपर हो गया है। मांझी में सरयू का जलस्तर 55.180 मीटर दर्ज किया गया। यहां खतरा निशान 55.150 मीटर है। सरयू का जलस्तर खतरा निशान से तीन सेमी ऊपर है। दोनों नदियों का पानी तटवर्ती इलाकों में पानी फैलने लगा है।
नदी में समा रहे उपजाऊ खेत
सरयू से प्रभावित सुरेमनपुर दियराचंल में सोमवार को कटान रूक गया था। शिवाल मठिया मल्लाह बस्ती व गोपाल नगर टाड़ी पर सोमवार को किसी का मकान सरयू नदी में नहीं गिरा। चाई छपरा, अधिसिझुआ व बकुल्हा के दियारे में उपजाऊ खेत धीरे-धीरे नदी में समा रहे हैं।शिवाल मठिया के प्रधान परमात्मा गोड़, भाजपा नेता ओम प्रकाश सिंह, वीरेंद्र सिंह, राकेश सिंह सहित दर्जनों ग्रामीणों ने कहा कि बार-बार निवेदन करने के बाद भी दियरांचल में कटान रोकने के उपाय नहीं किए जा रहे है। इससे पूरे गांव पर खतरा मंडराने लगा है।
सितंबर तक रहता है बाढ़ का खतरा
क्षेत्र में सितंबर तक बाढ़ का खतरा रहता है। गंगा और सरयू के जलस्तर में वृद्धि देख तटवर्ती लोग सहमे हुए हैं। जिला प्रशासन की ओर से दवा और राहत सामग्री दी जा रही है, लेकिन पशुओें के चारा को लेकर पशुपालक परेशान हैं। बाढ़ क्षेत्र में खेतों में पानी फैलने के कारण यह स्थिति है। जब तक खेतों में पानी नहीं गया था, पशुपालक पशुओं के लिए चारा काट लाते थे। अब समस्या हो गई है।इसे भी पढ़ें: ओलंपियन को सपा नेता ने किया पार्टी का पट्टा पहनाने का प्रयास, सपा-भाजपा में छिड़ा घमासानइसे भी पढ़ें: यूपी के कई गांवों में मंडराया बाढ़ का खतरा, खतरे के निशान के पार हुई सरयू
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