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Ballia News: छात्रवृति घोटाला को लेकर लखनऊ की EOW टीम ने की छापामारी, कॉलेज प्रबंधक गिरफ्तार

यूपी में शिक्षा सत्र 2018 से लेकर 2021 तक हुए छात्रवृति घोटाला के मामले में लखनऊ की आर्थिक अपराध अनुसंधान विभाग की टीम ने बल‍िया के भीमपुरा में छापेमारी की। टीम ने आशा सिंह होम्योपैथी फार्मेसी कॉलेज शाहपुर टिटिहा के प्रबंधक अंगद सिंह को गिरफ्तार कर लिया। बताया क‍ि प्रबंधक अंगद सिंह ने 2021-22 में पांच लाख का घोटाला किया है।

By Vijay Kumar Edited By: Vinay Saxena Updated: Fri, 30 Aug 2024 04:14 PM (IST)
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छात्रवृति घोटाले में बल‍िया के कॉलेज प्रबंधक ग‍िरफ्तार।- सांकेत‍िक तस्‍वीर
संवाद सूत्र, बेल्थरारोड (बलिया)। प्रदेश में शिक्षा सत्र 2018 से लेकर 2021 तक हुए छात्रवृति घोटाला के मामले की जांच तेज हो गई है। गुरुवार की रात लखनऊ की आर्थिक अपराध अनुसंधान विभाग की टीम ने भीमपुरा में छापेमारी कर आशा सिंह होम्योपैथी फार्मेसी कॉलेज शाहपुर टिटिहा के प्रबंधक अंगद सिंह को गिरफ्तार कर लिया। टीम के अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में बलिया के 42 कॉलेज शामिल हैं। विवेचना के दौरान साक्ष्य मिलने पर आरोपितों की गिरफ्तारी की जाएगी। इस कार्रवाई से जिले के अन्य प्रबंधकों की नींद उड़ गई है।

लखनऊ आर्थिक अपराध अनुसंधान विभाग (ईओडब्ल्यू) लखनऊ के निरीक्षक जैनुद्दीन अंसारी ने बताया कि शिक्षा सत्र 2018-19, 2019-20 एवं 2020-21 में प्रदेश के 200 कॉलेजों ने करीब 47 करोड़ रुपये छात्रवृति का गबन किया था। इसमें बलिया जनपद के भी करीब 42 कालेज शामिल हैं। इस मामले में लखनऊ के वजीरगंज थाना में 30 जुलाई 2022 को मुकदमा दर्ज कराया गया था।

बताया कि गिरफ्तार आशा सिंह होम्योपैथी फार्मेसी कॉलेज शाहपुर टिटिहा के प्रबंधक अंगद सिंह ने 2021-22 में पांच लाख का घोटाला किया है। कूटरचित दस्तावेज के आधार पर कॉलेज की मान्यता लेने के आरोप में मान्यता भी रद्द कर दिया गया था। बताया कि प्रबंधक को लखनऊ के वजीरगंज थाना पुलिस ने अदालत में पेश किया था। जहां से उन्हें 14 दिन के न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।

जिले में फैला है फार्मेसी कालेजों का जाल

जिले में फार्मेसी कालेजों का जाल फैला है। धनबल के माध्यम से मान्यता लेकर बड़ी संख्या में छात्रों का आर्थिक शोषण कर रहे हैं। अधिसंख्य कालेज मानक को पूरा नहीं करते हैं। औचक निरीक्षण हो जाए तो उनके यहां शिक्षक भी नहीं मिलेंगे। जब विश्वविद्यालय की टीम आती है तो किराया के डिग्री धारकों को बुला लेते हैं। जांच हुई इससे बड़ी गड़बड़ी मिलने से इनकार नहीं किया जा सकता है।

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