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पूरी रात काउंटर के पास ठिठुरने के बाद भी नहीं मिल रहा तत्काल टिकट

जागरण संवाददाता बैरिया (बलिया) डिजिटल इंडिया के युग में इंटरनेट के ठीक नहीं रहने

By JagranEdited By: Published: Thu, 31 Dec 2020 06:21 PM (IST)Updated: Thu, 31 Dec 2020 06:21 PM (IST)
पूरी रात काउंटर के पास ठिठुरने के बाद भी नहीं मिल रहा तत्काल टिकट

जागरण संवाददाता, बैरिया (बलिया) : डिजिटल इंडिया के युग में इंटरनेट के ठीक नहीं रहने के कारण पूरी रात काउंटर के पास ठिठुरने के बाद भी तत्काल टिकट नहीं मिल पा रहा है। महज एक से दो तत्काल टिकट ही निकल रहा है। इसके लिए आरक्षण टिकट खिड़की के पास कड़ाके की ठंड में रात में सोना पड़ रहा है। पुरुष तो पुरुष महिलाएं भी सुरक्षा कारणों को नजरअंदाज करते हुए पूरी रात आरक्षण खिड़की के पास ठिठुरती हुई देखी जा रही हैं। इसके बाद भी अगर लिक फेल हो गया तो टिकट नहीं मिल पाता है। यह स्थिति सुरेमनपुर रेलवे स्टेशन की है, जो भारतीय रेल के सीइओ विनोद कुमार यादव का गृह रेलवे स्टेशन है। पूरी रात टिकट खिड़की पर गुजारने के बावजूद टिकट नहीं मिलने पर क्या मन:स्थिति होगी इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है।

रेलवे के नए नियम के तहत वेटिग संख्या 20 से अधिक का वेटिग टिकट भी अब नहीं मिल रहा है। बिना आरक्षण के ट्रेन में यात्रा की अनुमति नहीं है ऐसे में लोग कैसे एक से दूसरे जगह जाएं यह बड़ी समस्या हो गई है। यह यात्रा अब हवाई यात्रा से भी पेचीदा हो गई है। ऐसे में प्राइवेट ट्रांसपोर्ट संचालकों को भारी फायदा हो रहा है और यात्रियों को एक से दूसरे जगह पहुंचाने के लिए मनमाना किराया वसूल रहे हैं। सरकार ऐसा आम लोगों के साथ क्यों कर रही है यह समझ से परे है। ट्रेन में कोरोना संक्रमण का हवाला दिया जा रहा है और बसों में लोग जानवरों की तरह ठूस कर आ जा रहे हैं।

यात्रियों का हो रहा शोषण

आज भी बहुत लोगों के पास एंड्रायड मोबाइल नहीं है। अगर है भी तो 90 फीसद लोगों को खुद से टिकट बनाने नहीं आता है। ऐसे में लोग जगह-जगह बाजारों में साइबर कैफे से टिकट बनवाते हैं। ऐसे में वेटिग टिकट पर 100 रुपये तथा करेंट टिकट पर 200 से 1000 रुपये अतिरिक्त लेकर टिकट बनवाना लोगों की मजबूरी हो गई है। हर तरह से शोषण यात्रियों का ही हो रहा है। --------वर्जन-------------

वेटिग टिकट मान्य नहीं है। ऐसे में देखा जाता है कि इतने वेटिग तक कंफर्म होने की संभावना है तब वेटिग दे दिया जाता है। जबकि यात्रा का समय नजदीक है और 20 से ज्यादा वेटिग है तो उन्हें टिकट नहीं दिया जा रहा है। बलिया, मऊ, गाजीपुर, वाराणसी लोकल स्टेशनों तक यात्रा करने के लिए वेटिग भी दिया जा रहा है।

विश्वजीत गांगुली, वाणिज्य अधीक्षक सुरेमनपुर


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