बाल दिवस पर बलिया में लड़कियाें ने उठाई एके-47, आत्मरक्षा के गुर सीखने के साथ यातायात नियमों की ली जानकारी
पुलिस लाइन के आरडी त्रिपाठी हाल में सोमवार को अनोखा नजारा देखने को मिला। लड़कियों ने हाथ में हथियार उठा कर अपने साहस का परिचय दिया। शस्त्रों के बारे में जानकर उन्हें रोमांच का अनुभव हुआ। उन्होंने आत्मरक्षा के गुर सीखे तो यातायात नियमों की भी जानकारी प्राप्त की।
By sameer tiwariEdited By: Anurag SinghUpdated: Mon, 14 Nov 2022 07:32 PM (IST)
बलिया, जागरण संवाददाता। पुलिस लाइन के आरडी त्रिपाठी हाल में सोमवार को अनोखा नजारा देखने को मिला। लड़कियों ने हाथ में हथियार उठा कर अपने साहस का परिचय दिया। शस्त्रों के बारे में जानकर उन्हें रोमांच का अनुभव हुआ। उन्होंने आत्मरक्षा के गुर सीखे तो यातायात नियमों के बारे में भी जानकारी प्राप्त की। मौका था बाल दिवस के अवसर पर दैनिक जागरण की ओर से आयोजित विशेष कार्यक्रम का। इसके तहत असलहों की प्रदर्शनी, कराटे क्लास व यातायात व्यवस्था पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। दोपहर 12 बजे कार्यक्रम की शुरुआत शस्त्र प्रदर्शनी से हुई।
इसमें आर्मोरर देवेंद्र प्रताप सिंह व जय गुरुदेव ने छात्राओं को हथियारों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इस दौरान छात्राओं ने शस्त्रों को हाथ में लेकर चलाने की बारीकियां सीखीं। इसके बाद छात्राओं को कराटे का प्रशिक्षण दिया गया। कराटे कोच सुमित झा व नेशनल खिलाड़ी गरिमा सिंह ने आत्मरक्षा के टिप्स दिए। वहीं यातायात पुलिस की ओर से क्षेत्राधिकारी जीतेंद्र कुमार ने नियमों के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम में गुलाब देवी इंटर कालेज व राजकीय बालिका इंटर कालेज की 30-30 छात्राओं ने भागीदारी की।
मुख्य अतिथि पुलिस अधीक्षक राजकरन नय्यर रहे। इस दौरान क्षेत्राधिकारी यातायात जीतेंद्र कुमार, आरआइ सुभाष चंद यादव, टीएसआइ विश्वदीप सिंह व अन्य पुलिस अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे। जीजीआइसी से रेखा सिंह, छोटेलाल तिवारी व गुलाब देवी इंटर कालेज से सीमा मिश्रा व गौरी वर्मा ने प्रतिनिधित्व किया। दोनों कालेजों की प्रधानाचार्यों क्रमश: अलका पांडेय व पूनम कुमारी ने कार्यक्रम के लिए आभार जताया। राजकीय इंटर कालेज के कला संकाय के शिक्षक इफ्तेखार खां ने बच्चों का उत्साह बढ़ाया।
अभ्यास करने से हर मुश्किल होती आसान : एसपीपुलिस अधीक्षक राजकरन नय्यर ने कहा कि यदि किसी को कोई विषय समझ में नहीं आता है। उसमें मन नहीं लगता है तो उलझन लेने की आवश्यकता नहीं है। धीरे-धीेरे अभ्यास करने से वही चीज आसान हो जाती है जिसे करना कभी बहुत मुश्किल लगता है। छात्राओं को आत्मरक्षा के लिए एसपी ने महत्वपूर्ण टिप्स दिए। उन्होंने कहा कि किसी भी संकट की स्थिति में सबसे पहले खुद की रक्षा करनी चाहिए।
कहीं मुसीबत में पड़ने पर आसपास मौजूद किसी व्यक्ति का मोबाइल मांगकर 112 नंबर डायल करें। इससे कुछ देर में मदद मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि मुसीबत के वक्त घबराना नहीं बल्कि दिमाग से काम लेना चाहिए। एसपी ने छात्राओं से अपील की कि अपने परिवार व आसपास के लोगों को यातायात नियमों के पालन के लिए प्रेरित करें। साथ ही इंटरनेट मीडिया के इस्तेमाल में सतर्कता बरतें। किसी अनजाने व्यक्ति से निजी जानकारी कतई साझा न करें।
आंसू गैस से लेकर एलएमजी का किया अवलोकनछात्राओं को पुलिस विभाग के असलहों से बखूबी रूबरू कराया गया। उन्हें आंसू गैस के गोले दागने वाली बंदूक से लेकर एके-47 व लाइट मशीन गन के बारे में बताया गया। इस दौरान एसपी ने खुद छात्राओं को हथियारों के बारे में जानकारी दी तो सभी का उत्साह दोगुना हो गया।
एसपी सर, आपको कितने नंबर मिले थेकार्यक्रम में छात्राओं ने एसपी राजकरन नय्यर से कई सवाल पूछे। कक्षा 11 की छात्रा स्नेहा ने पूछा कि सर पुलिस अधिकारी बनने के लिए क्या करना चाहिए। रोशन ने पूछा कि सर पढ़ाई में मन नहीं लगता तो क्या करें। सलोनी ने पूछा कि सफलता के लिए सबसे जरूरी क्या होता है। इन सबके बीच छात्रा राधिका ने सवाल किया तो सभी हंस पड़े। उसने पूछा कि एसपी सर आपको 10वीं में कितने प्रतिशित अंक मिले थे। एसपी ने सभी को बारी-बारी से जवाब दिया। इससे छात्राएं संतुष्ट नजर आईं।
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