Ballia: रंगभरी एकादशी पर बाबा बालेश्वर मंदिर में उड़े अबीर-गुलाल, विधि-विधान से हुआ मां पार्वती का गौना; भक्तों की उमड़ी भीड़
रंगभरी एकादशी पर शाम को सबसे पहले भोलेनाथ व अन्य देवी-देवताओं को अबीर-गुलाल तरह-तरह के फूल अर्पित कर होली हुई। इसके बाद मंदिर परिसर में मौजूद सभी श्रद्धालुओं ने खूब अबीर उड़ाए। आपस में एक दूसरे को अबीर लगाकर व पुष्प वर्षा कर होली खेली। इसके साथ ही सभी श्रद्धालु काशी के पीले व लाल गुलाल पुष्पों की सुगंध संग भक्ति-सौहार्द के रंग में रंग गए।
जागरण संवाददाता, बलिया। नगर के बाबा बालेश्वर मंदिर में बुधवार की शाम रंगभरी एकादशी पर खूब अबीर-गुलाल उड़े। पूरा मंदिर परिसर फूलों की पंखुड़ियों से सराबोर हो गया। काफी संख्या में पहुंचे श्रद्धालु उत्साह व उमंग के साथ होली खेले। इससे पूर्व सुबह में मां पार्वती के गौना कार्यक्रम विधि-विधान से हुआ।
प्रमुख श्रृंगारी रोहित गिरि ने बताया कि सुबह में सबसे पहले बाबा भोलेनाथ व मां का श्रृंगार किया गया। इसके बाद विविध प्रकार के मिठाई लड्डू, गाजा, खाजा, तरह-तरह के फल सेब, संतरा, अनार, केला आदि मेवा मिष्ठान मां पार्वती व भोलेनाथ को अर्पित किया गया। वहीं साड़ी, कपड़ा, बर्तन, बक्सा, घड़ी, चूड़ी, बिंदी आदि श्रृंगार का सामान मां को चढ़ाया गया। इसके साथ ही मंगल गीतों संग विधि-विधान से मां व भोले बाबा का पूजन अर्चन गौना किया गया।
रंगभरी एकादशी पर शाम को सबसे पहले भोलेनाथ व अन्य देवी-देवताओं को अबीर-गुलाल, तरह-तरह के फूल अर्पित कर होली हुई। इसके बाद मंदिर परिसर में मौजूद सभी श्रद्धालुओं ने खूब अबीर उड़ाए। आपस में एक दूसरे को अबीर लगाकर व पुष्प वर्षा कर होली खेली। इसके साथ ही सभी श्रद्धालु काशी के पीले व लाल गुलाल, पुष्पों की सुगंध संग भक्ति-सौहार्द के रंग में रंग गए।
इस अवसर पर मंदिर लाइटों से सजाया गया था। डीजे संग लोकगीत, सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। वहीं फाग गीतों का श्रद्धालुओं ने जमकर लुत्फ उठाया। श्रद्धा भाव से पहुंचे लोगों ने मंदिर में होली खेल बाबा भोलेनाथ व मां का आशीर्वाद लिया।
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