विदेशों में धूम मचा रहा है बलिया का सत्तू, अमेरिका-दुबई में जबरदस्त डिमांड; 1500 रुपये प्रति KG तक बिक रहा पोषक तत्वों का खजाना
संस्था की प्रमुख नीति अग्रवाल ने बताया कि निर्यात की स्वीकृति मिलने के बाद अमेरिका और दुबई से आर्डर मिला है। इसके लिए 20-20 किलो का अलग-अलग पैकेट बनाया जाएगा। बताया कि अमेरिका में सत्तू का दाम 1100 से लेकर 1500 रुपये प्रति किलो तक है। अभी तक अमेरिका में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों ने ही सत्तू मंगाया है।
जागरण संवाददाता, बलिया। स्वाद और सेहत से भरपूर बिहार और बलिया के सत्तू की मांग अब विदेशों में भी होने लगी है। डाक विभाग की ओर से लाइसेंस मिलने के बाद सत्तू का निर्यात भी होने लगा है। पहली बार 20 किलो का पैकेट विदेश भेजा गया है।
संस्था की प्रमुख नीति अग्रवाल ने बताया कि निर्यात की स्वीकृति मिलने के बाद अमेरिका और दुबई से आर्डर मिला है। इसके लिए 20-20 किलो का अलग-अलग पैकेट बनाया जाएगा। बताया कि अमेरिका में सत्तू का दाम 1100 से लेकर 1500 रुपये प्रति किलो तक है।
अभी तक अमेरिका में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों ने ही सत्तू मंगाया है। इस संबंध में वहां के कई दुकानदारों से भी बात चल रही है। सत्तू के इस कारोबार में करीब 300 से अधिक ग्रामीण महिलाएं अपनी आय में भी वृद्धि कर आत्मनिर्भर बन रही हैं। सत्तू के इस कारोबार का अब 40 लाख रुपये वार्षिक का टर्न ओवर पहुंच चुका है।
चने का सत्तू तैयार करने की पूरी प्रक्रिया
स्वयं सहायता समूह अथवा गांव की महिलाएं यहां के स्थानीय किसानों से चने की सीधी खरीद करती हैं। इसके बाद भट्ठी में उसे भूनने के बाद अपने घर की चक्की से पिसाई करती हैं। पिसाई करने के बाद तैयार सत्तू को निधि उद्योग को वह उपलब्ध कराती हैं। इसके पश्चात निधि उद्योग उसे पैकेजिंग एवं ब्रांडिंग कर बाजार में उतारता है।
बलिया के सत्तू में मिले यह पोषक तत्व
468.79 किलो कैलोरी ऊर्जा |
154.30 मिलीग्राम कैल्शियम |
18.30 ग्राम प्रोटीन |
15.50 ग्राम फैट |
5.8 मिलीग्राम आयरन |
(आंकड़े प्रति 100 ग्राम के हिसाब से)
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प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम ने आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को जिले में साकार कर दिखाया है। नीति के पति सौरभ भी इस काम में हाथ बंटाते हैं। वह बताते हैं कि वर्ष 2022 में इस योजना के तहत 20 लाख रुपये बैंक से ऋण लिया था। इसके माध्यम से सत्तू व्यवसाय में निवेश किया है। बलिया में सत्तू निर्माण बहुत ही पुराना कारोबार है। इसमें अब भी करीब बीस हजार से अधिक महिला और पुरुष अलग-अलग क्षेत्रों में कार्यरत हैं। इसे एक जनपद एक उत्पाद में भी शामिल करने की प्रक्रिया चल रही है। आनलाइन विदेश में बैठे लोग भी आसानी से सत्तू मंगा सकते हैं।संस्था के लिए डाकघर के माध्यम से निर्यात लाइसेंस जारी किया गया है। व्यवसायियों के लिए विदेश में भी उनके उत्पाद को भेजने के लिए डाक विभाग में कई योजनाएं शुरू हुई हैं। विदेश में कहीं भी अपने उत्पादों को डाकघर के निर्यात केंद्र के माध्यम से आसानी से भेज सकता है। उन्हें सत्तू के लिए लाइसेंस जारी किया गया है। -अजीत दुबे, विपणन अधिकारी, प्रधान डाकघर बलिया।