सफाई कर्मियों की हकीकत, कागज में नौकरी, धरातल पर चाकरी
ग्राम पंचायतों में साफ-सफाई की मंशा से
By JagranEdited By: Updated: Wed, 15 Jun 2022 05:23 PM (IST)
सफाई कर्मियों की हकीकत, कागज में नौकरी, धरातल पर चाकरी
जागरण संवाददाता, बलिया : ग्राम पंचायतों में साफ-सफाई की मंशा से सरकार ने सफाई कर्मियों को भर्ती किया, लेकिन 90 फीसद सफाई कर्मियों की नौकरी कागज पर और चाकरी मूल स्थान के बजाय अफसरों और प्रधानों के दरवाजे पर हो रही है। जिले के 940 ग्राम पंचायतों में 2320 सफाई कर्मी तैनात हैं, इसमें 128 सफाई कर्मी अधिकारियों के आवासों पर ड्यूटी कर रहे हैं। इसमें जिला मुख्यालय से लेकर तहसील और ब्लाक स्तर के अधिकारी भी शामिल हैं। पिछली सरकार में यह संख्या 300 से भी ज्यादा थी, लेकिन अब यह मामला संज्ञान में आने पर जिला पंचायत राज अधिकारी ने नोटिस जारी कर दिया है। ऐसे सभी सफाई कर्मियों को हटाकर पूर्व की तैनाती वाले ग्राम पंचायतों में भेजा जा रहा है। जिले के सफाई कर्मियों वे वेतन पर प्रति सफाई कर्मी लगभग 32 हजार के हिसाब से सरकार केवल जिले में 7.42 करोड़ हर माह खर्च कर रही है, लेकिन ग्राम पंचायतों की स्थिति यह है कि उसमें सर्वत्र गंदगी का अंबार लगा रहता है। गांव के लोग शिकायत करते हैं, इसके बाद भी सफाई के प्रति न प्रधान गंभीर होते हैं न ग्राम पंचायत विकास अधिकारी।सभी अधिकारियों के संज्ञान में है यह मामलाग्राम पंचायतों की सफाई के मामले में धरातल की हकीकत से जिले के सभी अधिकारी अवगत हैं। इसके बाद भी व्यवस्था में सुधार नहीं हो रहा है। सफाई कर्मी बाइक से ग्राम पंचायतों में सिर्फ घूमने जाते हैं। ग्रामीणों की ओर से ज्यादा दबाव डाले जाने पर सफाई कर्मी स्वयं से मजदूर रखकर उक्त स्थान की एक बार सफाई करा देते हैं। उसके बाद पुन: सबकुछ पुराने तरीके से चलने लगता है।
वर्जनग्राम पंचायतों में सभी सफाई कर्मियों को लगाया गया है। जो सफाई कर्मी ग्राम पंचायत से बाहर रह रहे हैं। उनकों संबंधित ग्राम पंचायतों में भेजने के लिए कार्रवाई गतिशील है। चार से पांच दिनों के अंदर सभी ग्राम पंचायतों में वापस हो जाएंगे।
गुलाब सिंह, अपर जिला पंचायत राज अधिकारी।
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