निर्भया कांड के छह साल, याद की गई बिटिया
निर्भया के पैतृक गांव मड़ावरा कला में रविवार को एक बार फिर सभी को निर्भया याद आई। आज ही के दिन 16 दिसम्बर-2012 को निर्भया के साथ दर्दनाक हादसा हुआ था जो दिल्ली के चेहरे पर एक बदनुमा दाग की तरह अब भी है। निर्भया के हत्यारों को अभी तक फांसी नहीं दी गई, जिसको लेकर गांव सहित जिले के लोगों में भी काफी आक्रोश है। हादसे की बरसी पर फांसी की मांग को लेकर निर्भया के गांव की बेटियों ने अपनी आवाज बुलंद की, धरना दिया और मांग किया कि निर्भया के हत्यारों को जल्द से जल्द फांसी दी जाए।
By JagranEdited By: Updated: Sun, 16 Dec 2018 10:10 PM (IST)
जागरण संवाददाता, भरौली (बलिया) : निर्भया के पैतृक गांव मड़ावरा कला में रविवार को एक बार फिर सभी को बिटिया की खूब याद आई। आज ही के दिन 16 दिसम्बर-2012 को निर्भया के साथ दर्दनाक हादसा हुआ था जो दिल्ली के चेहरे पर एक बदनुमा दाग की तरह अब भी है। निर्भया के हत्यारों को अभी तक फांसी नहीं दी गई, जिसको लेकर गांव सहित जिले के लोगों में भी काफी आक्रोश है। हादसे की बरसी पर फांसी की मांग को लेकर निर्भया के गांव की बेटियों ने अपनी आवाज बुलंद की, धरना दिया और मांग किया कि उसके हत्यारों को जल्द से जल्द फांसी दी जाए। रेड ब्रिगेड और निर्भया ज्योति ट्रस्ट के संयुक्त तत्वाधान में निर्भया के पैतृक गांव मड़ावरा कला में सैकड़ों महिलाएं भी जुलूस निकालकर निर्भया के हत्यारों को जल्द फांसी दिए जाने की मांग की।
रैली को संबोधित करते हुए निर्भया ज्योति ट्रस्ट एवं रेड ब्रिगेड की जिला कोऑर्डिनेटर आर्या पांडेय ने कहा की सरकारों का महिला सुरक्षा का दावा पूरी तरह से फेल हो रहा है। इतने बड़े कांड के दोषी अभी तक जीवित हैं, यह अब सहन नहीं होता। इस दिन को गांव के बुजुर्ग और युवा भी छह साल पहले की घटना को याद कर आक्रोशित थे। निर्भया के परिजन अपने दरवाजे पर एकत्रित होकर उसे याद किए। गांव के लोगों ने भी शांत भाव से श्रद्धा-सुमन अर्पित किया। निर्भया के बाबा लालजी, चाचा सुभाष पटेल की आंखें भी नम थी। गांव में महिलाएं तो आज केवल निर्भया की चर्चा ही जगह-जगह कर रहीं थीं।
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